नाबालिग बेटी के साथ गलत काम, फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला केस, दोषी पिता को आजीवन कारावास की सजा
महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसका पति उसकी 17 वर्षीय और 10 वर्षीय बेटियोंं के साथ छेड़छाड़ करता है। कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।;
हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र
अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश मनीष दुआ की अदालत ने पोक्सो अधिनियम के तहत को दोषी पिता को सुनाई आजीवन कठोर कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जिला उप न्यायावादी भुपेन्द्र कुमार ने बताया कि 5 अगस्त को थाना सदर थानेसर के अन्तर्गत रहने वाली एक महिला ने थाना सदर थानेसर पुलिस को बताया कि उसकी 3 लड़की व दो लड़के हैं। उसकी 17 साल की बेटी ने उसे बताया कि उसका पिता उसके साथ छेड़छाड़ व गलत काम करता है। करीब एक साल पहले भी उसने गलत काम किया था और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। उसके बाद लड़की के विरोध करने पर उसके पति ने उसकी दस वर्षीय बेटी के साथ छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी।
महिला ने बताया कि 4 अगस्त 2020 को रात के समय जब वह व उसका पति बाहर सो रहे थे और बच्चे कमरे में सो रहे थे। उसी समय उसका पति उठ कर अन्दर कमरे में गया और उसकी छोटी लड़की के साथ छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी। उसके शोर मचाने पर वह उठ गई। उसकी लडकी ने उसको सारी बात बताई । जिसकी शिकायत पर थाना सदर थानेसर में पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज करके जांच महिला उप निरीक्षक सुमन देवी को सौंप दी।
मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पैशल कोर्ट में करते हुए 21 अक्तूबर को अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश मनीष दुआ की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर आरोपी पिता को दोषी करार देते हुए पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के अन्तर्गत आजीवन कठोर कारावास व 50 हजार रुपये के जुर्मानें की सजा सुनाई, जुर्माना ना भरने की सूरत में 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। पोक्सो अधिनियम की धारा 10 के अन्तर्गत 7 साल की कैद व 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई, जुमार्ना ना भरने की सूरत में 2 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। आईपीसी की धारा 506 के अन्तर्गत 2 साल की कैद व 2 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई, जुर्माना ना भरने की सूरत में 1 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।