अमीर-गरीब की खाई के साथ लॉकडाउन में प्रवासियों की पीड़ा दर्शाती '36 फार्महाउस'

राम रमेश शर्मा द्वारा निर्देशित 107 मिनट लंबी नई फिल्म लोभ, वर्ग असमानता, पारिवारिक विवाद पर कटाक्ष भी करती है। अपनी नई फिल्म '36 फार्महाउस' के बारे में राम बताते हैं कि यह एक साधारण पारिवारिक नाटक सरीखी है। इसमें फैमिली ड्रामा के साथ मर्डर मिस्ट्री से लेकर रोमांस और कॉमेडी का जबरदस्त तड़का है।;

Update: 2022-01-23 05:29 GMT

रवींद्र राठी. बहादुरगढ़

हरियाणा के छोरे राम रमेश शर्मा द्वारा निर्देशित एवं विख्यात फिल्म-मेकर सुभाष घई द्वारा निर्मित हिंदी फिल्म '36 फार्महाउस' शुक्रवार को जी-5 पर रिलीज की गई है। लंबे अरसे के बाद निर्माता सुभाष घई फिल्मों में वापसी कर रहे हैं और वो भी ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए। फिल्म में अमीर और गरीब के बीच की असमानता को कॉमेडी फॉर्म में दर्शाते हुए संदेश दिया गया है कि कुछ जरूरत के लिए चोरी करते हैं और कुछ लालच के लिए चोरी करते हैं। फिल्म की कहानी को लॉकडाउन और प्रवासी मजदूरों से भी जोड़ा गया है।

बता दें कि 25 दिसंबर 1987 को हरियाणा के ऐतिहासिक गांव बहीन में जन्में राम ने दसवीं तक की शिक्षा पलवल में की तथा स्कूली शिक्षा फरीदाबाद से पूरी की। इसके बाद राम ने नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता व मॉस कम्युनिकेशन में बैचलर की डिग्री हासिल की। गत 12 वर्षों से फिल्म सिटी मुंबई में रह रहे राम के पिता रमेश शर्मा नगर निकाय विभाग में अधीक्षण अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। परिवार में राम की छोटी बहन दिवांशी शर्मा डाक्टर है। मां श्यामलता शर्मा के विश्वास पर खरा उतरते हुए रमेश फिल्म नगरी मुंबई में अपने हरियाणा का नाम रोशन कर रहा है। राम द्वारा लिखित-निर्देशित फिल्म 'काफिरों की नमाज' अब तक अनेक अवार्ड जीत चुकी है। हरियाणा का यह नौजवान अपनी मेहनत के बल पर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित करने में जुटा है।


राम रमेश शर्मा द्वारा निर्देशित 107 मिनट लंबी नई फिल्म लोभ, वर्ग असमानता, पारिवारिक विवाद पर कटाक्ष भी करती है। अपनी नई फिल्म '36 फार्महाउस' के बारे में राम बताते हैं कि यह एक साधारण पारिवारिक नाटक सरीखी है। इसमें फैमिली ड्रामा के साथ मर्डर मिस्ट्री से लेकर रोमांस और कॉमेडी का जबरदस्त तड़का है। फिल्म में संजय मिश्रा, विजय राज, अमोल पाराशर, फ्लोरा सैनी, बरखा सिंह, माधुरी भाटिया और अश्विनी कालसेकर आदि कलाकार मुख्य भूमिका में हैं। निर्देशक राम रमेश शर्मा ने महामारी के माहौल को देखते हुए सभी चरित्रों को हर संभव मौके पर मास्क पहने दिखाकर कोरोना से बचने का सामाजिक संदेश देने का प्रयास किया है।


 एक सीन के दौरान राम रमेश शर्मा से चर्चा करते सुभाष घई।


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