केमएपी पर आग का गोला बनी चलती कार, चालक ने कूदकर बचाई जान
गुरुग्राम निवासी पवन यादव रेवाड़ी की तरफ जा रहा था। बादली में केएमपी पर अचानक उसकी गाड़ी में आग लग गई। जैसे-तैसे पवन ने सड़क किनारे गाड़ी रोकी और बाहर निकलकर जान बचाई।;
हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
बादली में कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे पर एक चलती कार में आग लग गई। चालक ने जैसे-तैसे गाड़ी से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। जब तक दमकल विभाग की गाड़ी मौके पर पहुंचती, आग पूरी तरह जल चुकी थी। तारों में स्पार्किंग से आग लगने की आशंका जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, गुरुग्राम निवासी पवन यादव रेवाड़ी की तरफ जा रहा था। बादली में केएमपी पर अचानक उसकी गाड़ी में आग लग गई। जैसे-तैसे पवन ने सड़क किनारे गाड़ी रोकी और बाहर निकलकर खुद की जान बचाई। इसके बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई। सूचना पाकर कुछ देर बाद बहादुरगढ़ से दमकल विभाग की एक गाड़ी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक कार काफी हद तक जल चुकी थी। दमकल कर्मियों ने आग बुझाई। वाहन चालक का कहना था कि उसे भी पता नहीं चला कि अचानक आग कैसे लग गई। वो तो शुक्र है समय रहते वह बाहर निकल गया।
वाहन चालक ये रखें ध्यान
गर्मी के मौसम में वाहनों में आग लगने के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में ऑटो मोबाइल इंजीनियर लोगों को अपने वाहनाें की विशेष केयर करने की सलाह देते हैं। इंजीनियर प्रवीण ने बताया कि कार में आग लगने का सबसे बड़ा कारण शार्ट सर्किट होता है। अक्सर गाड़ी में खराबी आने पर हम उसे किसी अनट्रेंड मैकेनिक को सौंप देते हैं। वे कार तो सही कर देते हैं लेकिन कई बार वायरिंग को खुले छोड़ देते हैं। ये खुली तारें खतरा पैदा करती हैं।
इसके अलावा धूप में गर्म होकर तार आपस में चिपकने लगते हैं। इससे भी स्पार्किंग का खतरा बढ़ता है। इसलिए समय-समय पर जांच करानी चाहिए। गाड़ी में सीएनजी किट सही से फिट न होने के कारण लीकेज का खतरा बढ़ता है। इसलिए सीएनजी किट किसी ट्रेंड मैकेनिक से ही फिट करानी चाहिए। एक बात का जरूर ध्यान रखें कि अगर कार में आग लग जाए तो कम से कम 100 फीट की दूरी पर खड़े हो जाएं। कई बार कार में ब्लास्ट भी हो जाता है।