बड़ा कदम : हरियाणा पुलिस में पहली बार दस करोड़ का आपात कोष, इन कर्मचारियाें को तुरंत मिलेगी मदद
इस फंड का किसी भी तरह की इमरजेंसी होने की सूरत में प्रदेश के विभिन्न जिलों में किया जा सकेगा, जिससे पीड़ित पुलिस कर्मचारी अथवा अन्य किसी की तुरंत मदद हो सकेगी। खास बात यह है कि राज्य गठन के बाद में गृह मंत्री अनिल विज ने अफसरों से मंथन करने के बाद इस पर सरकार की मुहर लगवाई है।;
योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़
हरियाणा गृह विभाग को लेकर सूबे की मनोहर सरकार विभाग के लिए हर साल एक आपात फंड ( इमरजेंसी फंड ) दस करोड़ की व्यवस्था करने जा रही है। इस फंड का किसी भी तरह की इमरजेंसी होने की सूरत में प्रदेश के विभिन्न जिलों में किया जा सकेगा, जिससे पीड़ित पुलिस कर्मचारी अथवा अन्य किसी की तुरंत मदद हो सकेगी। खास बात यह है कि राज्य गठन के बाद में गृह मंत्री अनिल विज ने अफसरों से मंथन करने के बाद इस पर सरकार की मुहर लगवाई है।
यहां पर बता दें कि अब से पहले इस तरह के फंड की पुलिस महकमे के पास में कोई व्यवस्था नहीं थी। अक्सर खुले दरबार और विभिन्न जिलों में जाकर गृह मंत्री अनिल विज पीड़ितों की गुहार सुनने के वक्त चाहकर भी उनकी कोई आर्थिक मदद नहीं कर पाते थे। सारे हालात को देखते हुए ही इस फंड की व्यवस्था कराने का अहम प्रस्ताव तैयार कराया गया था।
इस फंड में पुलिस महकमे में उल्लेखनीय काम करने के दौरान घायल होने अथवा किसी तरह का कोई हादसा होने की सूरत अथवा किसी भी तरह से जातीय दंगों में जान माल के नुकसान, गौ तस्करों को पकड़ने के दौरान, सड़क हादसों और ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के दौरान किसी भी कर्मी को जान माल का नुकसान होने की सूरत में मदद हो सकेगी। इतना ही नहीं इस पुलिस के इमरजेंसी फंड से मुखबिर और पुलिस की मदद करने वाले अहम सूचना देने वाले व्यक्ति के साथ में कोई हादसा होने की सूरत में भी मदद हो सकेगी।
सभी जिलों के पास इस फंड से हिस्सेदारी होगी
हरियाणा के सभी जिलों के पास भी इस फंड से हिस्सेदारी होगी, ताकि किसी भी तरह की इमरजेंसी होने की सूरत में अपने कर्मचारी और अधिकारी की तुरंत ही मदद हो सके। इसी राशि से पुलिस की मदद करने वाले मुखबिरों के साथ-साथ कईं मौकों पर उल्लेखनीय काम करने, बहादुरी दिखाने, बदमाशों को पकड़ने, ड्रग तस्करों को पकड़ने के दौरान कोई दुर्घटना अथवा हमले का शिकार होने वाले पुलिस कर्मियों के परिवारों को भी तुरंत ही सहायता दी जा सकेगी।
हरियाणा गठन के बाद पहली बार फंड का प्रस्ताव : अनिल विज
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि अब से पहले हरियाणा गृह विभाग के पास में कोई भी इमरजेंसी फंड नहीं था, कईं मौकों पर इसलिए पीड़ितों की सहायता में दिक्कत आती थी। हमने अधिकारियों के साथ में इस पर विचार मंथन किया औऱ उसके बाद में फैसला कर लिया था कि हर साल एक गृह विभाग का इमरजेंसी फंड दस करोड़ वार्षिक होना चाहिए, इसका प्रस्ताव तैयार कराया गया। हरियाणा के पंजाब से अलग होने के बाद से अभी तक इस तरह का कोई फंड नहीं था, अब पहली बार हर साल दस करोड़ के फंड की व्यवस्था हम करने जा रहे हैं, इसके लिए राज्य के सीएम की सहमति मिल गई है। साथ ही इस राशि की व्यवस्था हरियाणा के बजट में करने जा रहे हैं। विज ने कहा कि हम उल्लेखनीय काम करने वाले व्यक्ति, कर्मचारी अथवा अन्य किसी तरह के चुनौतीपूर्ण हालात में मदद से पीछे नहीं हटना चाहते।
पुलिस में ग्रुप डी और चालकों की जरूरत भी होगी पूरी
हरियाणा पुलिस में माली, कुक, चौकीदारों के साथ साथ बड़ी संख्या में ग्रपु डी के कर्मचारियों की जरूरत है। यही कारण है कि पुलिस कर्मचारी कम होने के कारण ग्रुप डी के स्थान पर पुलिस कर्मियों से इस तरह के काम कराए जा रहे हैं। इसके अलावा पुलिस में भारी संख्या में चालकों की भी जरूरत है, इसको पूरा करने के लिए भी प्रस्ताव और डिमांड तैयार है। पहली बार हरियाणा पुलिस के लिए अलग से चालकों की भर्ती होगी।