त्योहारी सीजन में मिलावट का खेल शुरू : पनीर के 70 % सैंपल फेल, आधे से ज्यादा विक्रेताओं के पास लाइसेंस तक नहीं

सैंपल मानक पर खरे नहीं उतरने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर ने नई रणनीति तैयार की गई है। त्यौहारी सीजन में सैंपल पिछले वर्षों की तुलना में दो गुने लिए जाएंगे। वहीं संदेह होने पर खाद्य पदार्थ को तत्काल नष्ट करा दिया जाएगा।;

Update: 2021-10-22 06:50 GMT

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

त्यौहारों का सीजन चल रहा है। अभी-अभी नवरात्री और दशहरा गए हैं और दीवाली आने वाली है। ऐसे में दूध और उससे तैयार उत्पादों तथा मिठाइयों की गुणवत्ता को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत गुरुवार को मिठाई विक्रेता दुकानदारों की खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग द्वारा बैठक ली गई। बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए कि किसी भी तरह की मिलावटी चीज का प्रयोग ना करें। विशेषतौर पर पनीर पर फोक्स किया गया। इस दौरान बताया गया कि पनीर के 70 प्रतिशत से अधिक सैंपल जांच के दौरान फेल हो जाते हैं। इतना ही नहीं आधे से अधिक दुकानदारों के पास तो विक्रय का लाइसेंस ही नहीं हैं। इन सब चीजों को देखते हुए अभियान चलाकर लाइसेंस चैक करने और सैंपल लेने का काम किया जाएगा। गुरुवार को हुई बैठक में अधिकारियों ने मानकों का उल्लंघन करने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।

बता दें कि सैंपल मानक पर खरे नहीं उतरने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर ने नई रणनीति तैयार की गई है। त्यौहारी सीजन में सैंपल पिछले वर्षों की तुलना में दो गुने लिए जाएंगे। वहीं संदेह होने पर खाद्य पदार्थ को तत्काल नष्ट करा दिया जाएगा। खाद्य पदार्थों की जांच के लिए विभाग की जिला, प्रदेश व केंद्र की टीमों के साथ ही डीसी के नेतृत्व में सभी एसडीएम की टीम भी छापामारी करेंगी।

पनीर के 30 में से 21 सैंपल हुए फेल

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से शुद्घ का युद्ध नाम से अभियान चलाया गया था। सितंबर महीने में चलने वाले इस अभियान में दूध और उससे तैयार होने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाना था। इसके लिए बड़े स्तर पर सैंपल अभियान चलाया गया था। उन सैंपल की रिपोर्ट अब आने लगी है। विभाग को अभी तक प्राप्त सैंपल रिपोर्ट चौंकाने वाली हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति पनीर की है। अभी तक पनीर के करीब 30 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। उसमें से 21 सैंपल विभाग की जांच में फेल मिले हैं। वहीं दूध व अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल भी बड़े स्तर पर फेल आए हैं।

शहर में 100 से ज्यादा दुकान, लेकिन लाइसेंस 40 के पास

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीरेंद्र सिंह गहलावत ने बृहस्पतिवार को हलवाइयों और मिठाई विक्रेताओं की बैठक ली। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि बिना लाइसेंस के किसी को मिठाइयों की बिक्री नहीं करने दी जाएगी। अकेले शहर में ही मिठाई की सौ से ज्यादा दुकान हैं। जबकि विभाग से लाइसेंस केवल 40 के ही पास है। उन्होंने सभी को लाइसेंस लेने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। उसके बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। बिना लाइसेंस के मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थ की बिक्री नहीं होने दी जाएगी।

इन नियमों का करना होगा पालन

- मिठाईयों पर निर्माण व एक्सपायर डेट लिखनी होगी।

- मिठाइयों को स्वच्छता के साथ ढककर रखना होगा।

- मिठाई विक्रेता के नाखून-बाल ठीक होंगे और दस्ताने-सिर पर कैप पहननी होगी।

- मिठाई बनाने और बिक्री वाले स्थानों पर मानक के अनुसार सफाई रखनी होगी।

- दूध, पनीर, मावा व रंग आदि की गुणवत्ता की जिम्मेदारी मिठाई विक्रेताओं की होगी।

- दुकान का लाइसेंस प्रदर्शित करना होगा।

30 में से 21 सैंपल फेल हुए

शुद्ध का युद्ध अभियान में खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए थे। सबसे ज्यादा खराब स्थिति पनीर की है। 30 में से 21 सैंपल फेल हुए हैं। अब फिर से अभियान चलाकर जांच शुरू कर दी गई है। गाइडलाइन भी दे दी गई है। जो दुकानदार मानकों का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -वीरेंद्र सिंह गहलावत, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, सोनीपत।

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