17 साल से फरार 25 हजार का इनामी बदमाश झारखंड में बेच रहा था मुरथल के मशहूर परांठे

एसटीएफ (STF) के अनुसार धर्मेंद्र ने झारखंड में जाकर अपना नाम बदलकर राजेश कर लिया था। इस नाम की पहचान पत्र बनवाकर वह पहले ट्रक पर हेल्पर रहा। उसके बाद रांची के पास जिला सरायकेला खरसावां के गांव चौलीबासा में हाईवे पर हरियाणा-पंजाब नाम से ढाबा खोल लिया था। उसने मुरथल के ढाबों के नाम पर मशहूर परांठे बनाकर खिलाने शुरू कर दिए।;

Update: 2021-04-11 16:17 GMT

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

एसटीएफ सोनीपत की टीम ने लूट के मामले में 17 साल से फरार चल रहे 25 हजार के इनामी बदमाश को झारखंड के जिला सरायकेला खरसावां के गांव चौलीबासा से गिरफ्तार किया है। वह वर्ष 2004 में जेल से पैरोल लेने के बाद फरार हो गया था। उसने झारखंड में हरियाणा-पंजाब के नाम से ढाबा खोल लिया था और मुरथल के नाम से मशहूर परांठे बनाकर बेच रहा था। लुटेरे ने नाम बदलकर वहां पर शादी भी ली और उसके दो बच्चे हैं। लुटेरे को सोमवार को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

एसटीएफ प्रभारी सतीश देशवाल ने बताया कि 7 फरवरी, 2000 को गन्नौर में हरियाणा एग्रो सर्विस सेंटर पेट्रोल पंप के मालिक रमेश बत्रा से पिस्तौल व चाकू के बल पर तीन बदमाशों ने लूटपाट की थी। उनके साथ मौजूद नौकर बलदेव को चाकू मारकर 62 हजार रुपये लूटे गए थे। रुपये लेकर दो लुटेरे विकास और सुरेंद्र भाग गए थे, जबकि चाकू मारने वाले धर्मेंद्र को लोगों ने मौके से पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। उसको न्यायालय ने वर्ष 2003 में 20 साल की सजा सुनाई थी। वह वर्ष 2004 में पैरोल पर आकर फरार हो गया था। न्यायालय ने उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा था।

एसटीएफ के अनुसार धर्मेंद्र ने झारखंड में जाकर अपना नाम बदलकर राजेश कर लिया था। इस नाम की पहचान पत्र बनवाकर वह पहले ट्रक पर हेल्पर रहा। उसके बाद रांची के पास जिला सरायकेला खरसावां के गांव चौलीबासा में हाईवे पर हरियाणा-पंजाब नाम से ढाबा खोल लिया था। उसने मुरथल के ढाबों के नाम पर मशहूर परांठे बनाकर खिलाने शुरू कर दिए। उसने वर्ष 2008 में सरायकेला खरसावां जिला में ही शादी कर ली। उसके ढाबे के पराठे आसपास के क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध हो गए। जिसका पता लगने पर एसटीएफ ने अब उसे झारखंड से दबोच लिया है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।

पराठों की प्रसिद्धी से पकड़ा गया आरोपित

झारखंड में हरियाणा-पंजाब के नाम से ढाबा होने पर एसटीएफ को भी सूचना मिली थी। अपने पराठों की प्रसिद्धी होना ही राजेश के लिए परेशानी बन गया और वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने जब उसके बारे में पता लगाया तो जानकारी मिली कि वह चटिया औलिया गांव का धर्मेंद्र है। वह गन्नौर थाना का भगौड़ा है और उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम है।

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