हरियाणा में पहली बार तितलियों पर होगा सर्वे, 10 गांवों का चयन
वन एवं वन्यजीव विभाग ने इको सिस्टम की बायो इंडिकेटर मानी जाने वाली तितलियों पर विशेष सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है। इसके लिए अरावली क्षेत्र में खोल खंड के 10 गांवों का चयन किया गया है।;
हरिभूमि न्यूज, रेवाड़ी।
वन एवं वन्यजीव विभाग ने प्रदेश में पहली बार इको सिस्टम की बायो इंडिकेटर मानी जाने वाली तितलियों पर विशेष सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है। इसके लिए अरावली क्षेत्र में खोल खंड के 10 गांवों का चयन किया गया है। सर्वेक्षण के लिए चुने गए पहाड़ी से सटे गांवों में पालड़ा, अहरोद, बासदूदा, खोल, मनेठी, भालकी, माजरा, नांधा, बलवाड़ी व खालेटा में 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में तितली की विविधता के आंकलन का कार्य 28 सितंबर को होगा। डीसी यशेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने में मदद मिलेगी। तितलियों को हमारे इको सिस्टम का बायो इंडिकेटर माना जाता है। तितलियों की उपस्थिति एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है। यह समृद्ध और विविध जीवन रूपों की उपस्थिति का भी प्रतीक है। तितलियां निवास स्थान की गड़बड़ी और प्रदूषण के प्रति बहुत संवेदनशील होती हैं। यह सर्वेक्षण क्षेत्र की पारिस्थितिकी पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव व अंसतुलन को देखने का आधार भी बनेगा।
तितली एक महत्वपूर्ण परागणक
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपनी तरह का यह पहला तितली सर्वेक्षण (पतंगों सहित) अरावली क्षेत्र में खोल खंड के गांवों में किया जाएगा। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए हर प्रकार के जीव-जंतु की महता है। तितलियां जोकि एक महत्वपूर्ण परागणक भी हैंव कई पौधों की प्रजातियों को परागित करते हैं क्योंकि वे फूल से फूल की ओर बढ़ते हैं। पौधों और तितलियों के बीच एक सहजीवी संबंध है।
संरक्षण प्रबंधन की नीति होगी तैयार
जिला वन अधिकारी सुंदर सांभरिया ने कहा कि पीसीसीएफ एवं चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन, हरियाणा के मार्गदर्शन में यह एक दिवसीय सर्वेक्षण होगा। वन एवं वन्यजीव विभाग, हरियाणा के साथ पर्यावरण संरक्षण पर कार्य करने वाली संस्था नेचर फर्स्ट तथा तितलियों के संरक्षण से जुड़े अनेक स्वयंसेवक इस सर्वेक्षण को पूरा करेंगे। इस सर्वेक्षण के परिणाम से तितलियों और पतंगों के संरक्षण के लिए प्रबंधन रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी। हरियाणा के अरावली में तितलियों और पतंगों की प्रजातियों के रिकॉर्ड और सूची के लिए 28 सितंबर को रेवाड़ी जिला में तितली सर्वेक्षण नामक एक समयबद्ध गतिविधि की जाएगी।