हरियाणा के पूर्व सीएम मास्टर हुकम सिंह ने एक फोन कॉल पर मुलायम सिंह को सौंप दी थी अपनी समाजवादी पार्टी
बहुत कम लोग इस तथ्य से अनजान हैं कि जिस समाजवादी पार्टी के बैनर तले मुलायम सिंह यादव ने वर्षों तक पिछड़ों के लिए संघर्ष किया उसको सबसे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मास्टर हुकम सिंह ने बनाया था।;
धर्मेंद्र कंवारी : रोहतक
देश के विख्यात समाजवादी नेता और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपनी अंतिम सांस हरियाणा की धरती से ली। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में जब वो जीवन की अंतिम लड़ाई लड़ रहे थे तब उनके दिमाग में जरूर हरियाणा और समाजवादी पार्टी कौंधी होगी। ये भी इतिहास में लिखा रहेगा कि हरियाणा के ही एक पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी बनाई समाजवादी पार्टी एक फोन कॉल पर मुलायम सिंह यादव को सौंप दी थी। बहुत कम लोग इस तथ्य से अनजान हैं कि जिस समाजवादी पार्टी के बैनर तले मुलायम सिंह यादव ने वर्षों तक पिछड़ों के लिए संघर्ष किया उसको सबसे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मास्टर हुकम सिंह ने बनाया था।
समाजवादी पार्टी के इतिहास में झांकने की कोशिश करें तो पहले बनी समाजवादी पार्टी जनता दल में विलिन हो गई थी लेकिन जब जनता दल टूटा तो फिर से समाजवादी पार्टी को खड़ा करने की जरूरत महसूस हुई। 1992 में जब मुलायम सिंह यादव ने इस बारे में विचार किया तो उन्हें पता चला कि समाज वादी पार्टी का गठन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मास्टर हुकम सिंह ने क्षेत्रीय पार्टी के तौर पर करवा लिया है तो उन्होंने मास्टर हुकम सिंह फौगाट को फोन किया। फोन पर दुआ सलाम होने के बाद मुलायम सिंह यादव ने मास्टर हुकम सिंह से आग्रह किया कि क्यों ना हम क्षेत्रीय पार्टी की जगह इसको राष्ट्रीय पार्टी बनाएं और साथ मिलकर लड़ाई लड़ें तो मास्टर हुकम सिंह ने सारे अधिकार मुलायम सिंह का देते हुए कहा कि नेताजी जैसा आप चाहें वैसा कर लें मेरी सहमति और समर्थन आपको है।
इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर समाजवादी पार्टी की स्थापना चार अक्टूबर 1992 में मुलायम सिंह यादव ने की और मास्टर हुकम सिंह ने अपनी पार्टी उसमें समाहित कर दी। मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया और मासटर हुकम सिंह को हरियाणा का अध्यक्ष बनाया गया। अब इस पार्टी का नेतृत्व अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर रहे हैं। वहीं हरियाणा में समाजवादी पार्टी कभी अपने पांवों पर नहीं खड़ी हो पाई। चौधरी बंसीलाल और मासटर हुक्म सिंह ने हर जिले में एक साथ कार्यकर्ता बैठकें भी लीं लेकिन 1996 के चुनाव में चौधरी बंसीलाल ने मास्टर हुकम सिंह का समाजवादी पार्टी के पांच सीटें आफर की वहीं वो 20 सीटें मांग रहे थे। नतीजा गठबंधन नहीं हुआ, मास्टर जी समेत जितने भी लोगों ने समाजवादी पार्टी की साइकिल चुनाव निशान पर चुनाव लड़ा, सब हार गए। वहीं मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में स्थापित कर दिखाया लेकिन अखिलेश के नेतृत्व में अब समाजवादी पार्टी भी कोई अच्छी पॉजिशन पर नहीं है और भारतीय जनता पार्टी को पिछले दो आम चुनावों में वो टक्कर देने में नाकाम रही है। मुलायम सिंह यादव हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मास्टर हुकम सिंह के आजीवन मित्र रहे और हमेशा उनसे दिल खोलकर बातें करते थे। आज ये दोनों ही दिग्गज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन समाजवाद की विचारधारा हमेशा रहेगी, पार्टी और लोग आते जाते रहते हैं यही सृष्टि का नियम है।