फेसबुक पर वैगनआर खरीदने का झांसा देकर 84 हजार हड़पे, फिर भी नहीं मिली गाड़ी
खुद को आर्मी जवान (Army man) बताकर लोगों से गाड़ी बेचने के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है। पुलिस (Police) ने पीड़ित की शिकायत पर नामजद आरोपित संदीप व दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्ज किया है।;
हरिभूमि न्यूज : महेंद्रगढ़
गांव मेघनवास वासी एक व्यक्ति के साथ गाड़ी खरीदने के नाम पर फ्राड हुआ है। उसे धोखा देकर एक के बाद एक करके 84 हजार 350 रुपये ऑनलाइन पेटीएम के माध्यम से राशि ले ली गई। खुद को आर्मी जवान बताकर लोगों से गाड़ी बेचने के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर नामजद आरोपित संदीप व दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्ज किया है।
सदर थाना में दी शिकायत में गांव मेघनवास वासी पवन कुमार ने बताया है कि 20 फरवरी को फेसबुक पर एक गाड़ी वैगनआर देखी और दर्शाए गए नामजद मोबाइल नंबर पर आधार कार्ड की कॉपी विक्रेता के पास भेज दी। इसके बाद विक्रेता ने वाट्सअप नंबर पर संदीप कुमार पुत्र मंजीत कुमार के नाम का पेन कार्ड, कैंटीन स्मार्ट कार्ड सिपाही, वैगनआर आरसी, डीएल भेजी। उसके बाद नामजद मोबाइल नंबर पर कॉल आई कि वह फौज में नौकरी करता है और अपनी वैगनआर गाड़ी बेचना चाहता है। यदि गाड़ी खरीदना चाहते हो तो 5150 रुपये की राशि ऑनलाइन पेटीएम करें।
भांजे ब्रिजेंद्र कुमार के एचडीएफसी बैंक अकाउंट से 21 फरवरी को 5150 रुपये पेटीएम कर दिए। अगले दिन 22 फरवरी को उपरोक्त नामजद संदीप कुमार की कॉल आई और कहा कि आपकी गाड़ी डिलीवरी कर दी गई है और एक-दो घंटे में पहुंच जाएगी। ऐसे में अब 21400 रुपये नामजद मोबाइल नंबर पर पेटीएम द्वारा ट्रांसफर कर दें। भांजे ब्रिजेश कुमार ने एचडीएफसी बैंक अकाउंट से यह राशि भी बताए गए मोबाइल नंबर पर पेटीएम कर दी। इसके बाद जवाब मिला कि आपकी पेटीएम मोबाइल नहीं दिखा रहा है। फिर से पेटीएम करें। दोबारा 21400 रुपये की राशि पेटीएम की गई।
उसके बाद अन्य मोबाइल नंबर से कॉल आई और कहा गया कि आपकी गाड़ी का डिलीवरी ब्वाय बोल रहा हूं। गाड़ी का इंश्योरेंश नहीं है। इंश्योरेंश करवाए अन्यथा गाड़ी डिलीवरी नहीं होगी। यह सुनने के बाद 25000 रुपये और 11400 रुपये की दो राशि ट्रांसफर पेटीएम से करवा दी गई। इसके बाद फिर कॉल आई कि गाड़ी की कीमत मुबलिग 65000 नामजद मोबाइल नंबर पर पे करें अन्यथा गाड़ी डिलीवरी नहीं होगी। उस वक्त महसूस हुआ कि धोखा व फ्राड हो रहा है। उसके बाद 65000 रुपये की पेमेंट नहीं की गई।