फर्जी साइट बनाकर करते थे Cyber Fraud, कैथल पुलिस ने हिसार से पकड़े चार शातिर, ऐसे ठगते थे लोगों को

गिरोह के सरगना अमित कुमार ने बताया कि वे हिसार में एक मकान किराये पर लेकर साइबर क्राइम को ऑपरेट करते हैं। गीताराम वैब डिजाइन कोर्स पास है और फर्जी साइट तैयार करने में माहिर है। उन्होंने मुद्रा कैश योजना से मिलती जुलती फर्जी साइट बनाई थी।;

Update: 2022-07-28 13:57 GMT

हरिभूमि न्यूज : कैथल

साइबर फ्राॅड के एक मामले में साइबर थाना पुलिस ने शातिर आरोपियों को काबू किया है। डीएसपी विवेक चौधरी ने बताया कि एक व्यक्ति से मुद्रा कैश योजना के तहत लोन पास करने की एवज में 2 लाख 31 हजार 596 रुपए की साइबर ठगी करने के आरोप में थाना साइबर पुलिस टीम आरोपियों तक पहुंचने में सफल रही। कैथल पुलिस की साइबर टीम द्वारा 4 आरोपियों को काबू कर लिया गया। जिनकी पहचान अमित उर्फ मीतू तथा राहुल दोनों निवासी सुलेहडा जिला जींद, गीताराम उर्फ अनूप निवासी बालू व रमेश उर्फ टंका निवासी नलोई जिला भिवानी के रुप में हुई है। सभी आरोपी हिसार से काबू किए गए।

डीएसपी ने बताया कि गांव गढी पाडला निवासी दीपक ने साइबर थाना में दी शिकायत में बताया कि वह 12वीं पास है और रोजगार के लिए ऋण लेना चाहता था। उसने इंटरनेट पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सर्च की थी। वहां उसे एक नंबर मिला तथा उसने उस नंबर पर फोन किया और लोन लेने की बात कही। फोन पर बात कर रहे व्यक्ति ने कहा कि उसका लोन पास हो जाएगा। उसके लिए उसका आधार कार्ड, पैनकार्ड तथा बैंक की कापी भेज दो। उसके द्वारा कागजात भेजने के कुछ देर बाद उस व्यक्ति ने उसको कहा कि आपका 1 लाख 50 हजार का लोन मजूंर हो गया है। फाइल चार्ज, इंशोरेंस, टीसीडीएस चार्ज आदि के नाम पर अलग अलग तारिखो में कुल 2 लाख 31 हजार 596 रुपये ठग लिए थे। आरोपियों को गिरफ्तार करके 27 जुलाई को कोर्ट में पेश किया गया था।

व्यापक पूछताछ व बरामदगी के लिए आरोपियों का 3 दिन पुलिस रिमांड हासिल किया गया था। डीएसपी ने बताया कि रिमांड दौरान प्रारंभिक पूछताछ में गिरोह के सरगना अमित कुमार ने बताया कि वे हिसार में एक मकान किराये पर लेकर साइबर क्राइम को ऑपरेट करते हैं। गीताराम वैब डिजाइन कोर्स पास है और फर्जी साइट तैयार करने में माहिर है। जो हमने मुद्रा कैश योजना से मिलती जुलती फर्जी साइट बनाई थी। जिनके माध्यम से वह सब फ्राड को अजांम देते थे। डीएसपी ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि लोन लेने वाले व्यक्ति से आरोपी फाइल चार्ज, इंशोरेंस, टीसीडीएस चार्ज आदि के नाम पर पेमेंट करवाते, जब व्यक्ति को उन पर फ्राड का शक होता और वह व्यक्ति और रुपए देने से मना करता तो वो उसके पास लोन अप्रूल कैसंल का मैसेज करते और उसको कहते आपका सारा पैसा 7 से 21 दिन तक रिफंड हो जाएगा। उसके बाद वे अपना मोबाइल सीम तोड़ देते। फ्राड हुए व्यक्ति के पास मोबाइल नंबर के सिवाय कुछ और नहीं होता था, जब 21 दिन बाद वो हमारे नंबर पर काल करता तो नंबर बंद आता। डीएसपी ने बताया कि अब तक आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त 2 मोबाइल फोन सहित कुल 9 मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके हैं। मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस द्वारा आरोपियों से गहनता से पूछताछ की जा रही है।

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