गिरोह का भंडाफोड़ : यूपी से चोरी हुई मोटरसाइकिलों पर फर्जी इंजन नंबर लिखकर बेचते थे, ऐसे चलता था पूरा खेल
मयूर मार्किट कैथल में ऑटो रिपेयरिंग की दुकान चला रहा शातिर आरोपी गिरफ्तार, वारदातों में प्रयुक्त की जा रही अक्षर गोंदने की मशीन, विभिन्न अंकों की डाई, दो ग्राईंडर तथा 2 बाइक इंजन व एक मोटरसाइकिल बॉडी बरामद।;
हरिभूमि न्यूज. कैथल
सीआईए-1 पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मेरठ से चोरीशुदा मोटरसाइकिलों के इंजन खरीद कर मयूर मार्किट कैथल स्थित ऑटो रिपेयरिंग दुकान में चोरीशुदा बाइक इंजन पर उपकरणों की मार्फत बोगस इंजन नंबर अंकित करके धोखाधड़ी पूर्वक तरीके द्वारा लोगों को बेचने वाले शातिर रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए आरोपी को गिरफतार किया है। जबकि पुलिस को देखकर उसका दूसरा साथी फरार हो गया। दुकान से बोगस इंजन व नंबर प्लेट युक्त बाइक तैयार करने के लिए प्रयुक्त किए जा रही अक्षर गोंदने की मशीन, विभिन्न अंकों की डाई, दो ग्राईंडर तथा 2 बाइक इंजन व एक मोटरसाइकिल बॉडी बरामद कर ली गई। आरोपी का 14 अप्रैल तक रिमांड हासिल किया है।
पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह ने बताया कि सीआईए-वन प्रभारी इंस्पेक्टर मुकेश कुमार की अगुवाई में शाम के समय एसआई कश्मीर सिंह टीम ने को पता चला कि कैथल रेलवे ओवर ब्रिज के पास रणधीर सिनेमा सामने मयूर मार्किट कैथल में सुरेश उर्फ काला निवासी मटौर अपनी दुकान काला आटो सैंटर मे मोटरसाइकिल रिपेयरिंग का काम करता है। जो अपने साथी अशोक उर्फ शौकी वासी ग्योंग के साथ मिलकर यूपी से चोरीशुदा मोटरसाइकिलों के ईंजन चोरी छिपे खरीदकर उनके ईंजनो के नंबर मिटाने उपरांत डाई का इस्तेमाल करके अन्य बोगस नंबर अंकित करने उपरांत लोगों की मोटरसाइकिलों में लगाकर धोखाधड़ी करके मुनाफा कमाते है। टीम जब मयुर मार्किट में काला की दुकान के पास पहुंची तो दुकान के बाहर खडा एक पुलिस को देखकर भाग गया, जबकि दुकान के अंदर एक लड़का अपने हाथ में लिए हुये ग्राईंडर सहित काबू कर लिया गया, जिसकी पहचना सुरेश उर्फ काला निवासी मटौर के रुप में हुई।
ग्राइंड कर लिखते थे दूसरा नंबर
सुरेश के पास रखे 2 मोटरसाइकिलों के इंजनो को चैक किया उन पर असल इंंजन नंबर को ग्राईंड करके अन्य बोगस नंबर अंकित हुए मिले। दुकान के अन्दर खडे एक मोटरसाइकिलों को चैक किया तो मोटरसाइकिलों के आगे व पीछे एचआर 06 टी-1052 की नंबर प्लेट लगी मिली। बाइक पर मीटर व टायर के अलावा मोटरसाइकिलों का सारा सामान उतारा हुआ था। जांच के दौरान दुकान अंदर दो डिब्बी प्लास्टिक मिली, जिनके अंदर विभिन्न नंबर गुदे हुए 36 ढाई पंच मिले। इसके अतिरिक्त दुकान से दो ग्राईंडर तथा एक ड्रिल अक्षर गोंदने की मशीन तथा हथौडा आदी उपकरण बरामद हुए। मिस्त्री सुरेश उपरोक्त मोटरसाइकिल व इंजनों बारे कोई सन्तोषजनक जवाब नहीं दे सका। जिन्हें कब्जा पुलिस में लेकर आरोपियों के खिलाफ थाना सिविल लाईन में मामला दर्ज कर दिया गया।
यूपी से खरीदकर लाते थे पुराने इंजन
एसपी ने बताया कि मौके पर पहुंची सीआईए-वन पुलिस के एएसआई जयभगवान व एचसी रणदीप सिंह की टीम द्वारा की गई गहन पूछताछ दौरान आरोपी सुरेश द्वारा कबूला गया कि वह अपने साथी अशोक के साथ मिलकर यूपी के मेरठ से चोरीशुदा मोटरसाइकिलों के इंजन खरीद कर लाते, जिन पर बोगस इंजन नंबर अंकित करके ग्राहको की मोटरसाइकिलों के कंडम/नाकारा हो चुके इंजन की जगह चोरीशुदा इंजनों को उंचे दाम में लगा देते थे, जो अब तक करीब 30/40 बाइकों के इंजन बदल चुके थे। नाकारा इंजनों को वे औने-पौने दाम में अपने पास रखकर बाद में मंडी गोविंदगढ पजांब में बेचकर दो तरफा मुनाफा कमा रहे थे।