छात्रों के लिए खुशखबरी : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में बनेगी आइडिया लैब, 1.10 करोड़ की लागत लागत आएगी
वीसी प्रो. बीआर काम्बोज ने बताया कि टेक्नीकल और पेपर वर्क को पूरा कर लिया गया है। एआईसीटी ने अपने हिस्से की राशि भी विश्वविद्यालय को जारी कर दी है।;
हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में अगले पांच माह में आइडिया लैब स्थापित होगी। इससे नई शिक्षा नीति के अनुसार विद्यार्थियों को प्रेक्टिकल ज्ञान पर आधारित शिक्षा मिल सकेगी। आइडिया लैब की स्थापना में 1.10 करोड़ की लागत आएगी, जिसमें आधा खर्च विश्वविद्यालय और आधा खर्च अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) वहन करेगी।
वीसी प्रो. बीआर काम्बोज ने बताया कि टेक्नीकल और पेपर वर्क को पूरा कर लिया गया है। एआईसीटी ने अपने हिस्से की राशि भी विश्वविद्यालय को जारी कर दी है। लैब की रूपरेखा और कार्यशैली को लेकर गुजवि में बैठक हुई जिसमें एआईसीटीई, दिल्ली के इंस्टीट्यूशनल डेवेलपमेंट सेल के सलाहकार डॉ. नीरज सक्सेना, आइडिया लैब के चीफ मेंटर एवं मकेनिकल विभाग के प्राध्यापक प्रो. पंकज खटक, आइडिया लैब के समन्वयक इलेक्ट्रिकल विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुमित सरोहा तथा इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. विजयपाल समेत सभी इंजीनियरिंग विभागों के अध्यक्ष, शहर के स्कूलों और कल-कारखानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कुलपति ने दावा किया कि आइडिया लैब की स्थापना का सीधा फायदा विश्वविद्यालय तथा आसपास के महाविद्यालयों, स्कूलों के साथ मध्यम एवं लघु उद्योगों को होगा।
कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय पिछले कई वर्षों से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करने में जुटा है। गुजवि में भौतिकी, रसायन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग व्यापक क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास से संबंधित प्रयोगशालाओं और उपकरणों से सुसज्जित हैं। बैठक में डॉ. नीरज सक्सेना ने कहा कि विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय और शिक्षकों को पढ़ाई को रोमांचक बनाना होगा।
आइडिया लैब के चीफ मेंटर प्रो. पंकज खटक ने कहा कि आइडिया लैब की स्थापना शिक्षा व्यवस्था को बलदने का काम करेगी तथा विद्यार्थियों को प्रेक्टिकल शिक्षा की तरफ मोड़ देगी। लैब समन्वयक डॉ. विजयपाल तथा डॉ. सुमित सरोहा ने आइडिया लैब को वर्तमान समय की मांग बताया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को थ्योरीटिकल नॉलेज के साथ प्रेक्टिकल नॉलेज आवश्यक है। इससे छात्र अपने विषय को पूरी तरीके से समझ सकेंगे और उसमें महारत हासिल कर सकेंगे।