जमीन अधिग्रहण करना ही भूली सरकार : रोहतक से हांसी रेलवे लाइन में अटका रोड़ा, 2022 तक कैसे चल सकेगी ट्रेन

जब रेलवे द्वारा रोहतक वाया महम हांसी रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहित की गई तो नो किले नंबर छूट गए। रेल की लाइन बिछा रहे ठेकेदार ने भैणीमहाराजपुर गांव निवासी पूर्व सरपंच कृष्ण व उसके भाई शिव कुमार के खेत में खड़ी चारे की फसल को उखाड़कर मिट्टी डालना शुरू किया तो दोनों भाइयों ने इस पर एतराज किया।;

Update: 2021-11-30 06:14 GMT

हरिभूमि न्यूज : महम

रोहतक वाया महम हांसी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2022 तक रखा गया है। सरकार का प्रयास है कि एक साल बाद ही रोहतक वाया महम हांसी रेलवे लाइन पर रेलगाड़ियों का संचालन शुरू हो जाए। मगर ऐसा कैसे संभव हो पाएगा। क्योंकि रेलवे विभाग ने जिन ठेकेदारों को काम दिया गया है। वे तीव्र गति से काम नहीं कर रहे और काम कछुआ चाल चल रहा है। रविवार को राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने रेलवे लाइन के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया तो घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग होना पाया गया। लेकिन इससे भी इतर सबसे बड़ा सवाल यह है कि रेलवे लाइन ने एक ऐसी बड़ी गलती कि है, जिससे इस रेलवे लाइन का निर्माण कार्य समय पर पूरा होना संभव नहीं लग रहा।

भैणी महाराजपुर गांव के पास ही रेलवे ने महम कस्बे का रेलवे स्टेशन बनाया है। यहीं पर रेलवे विभाग के कर्मचारियों के लिए बहु मंजिला रिहायशी क्वार्टर बनाए गए हैं। इन क्वार्टरों व रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर भैणी महाराजपुर-भैणीभैरों मार्ग के पास दो जगह पर रेलवे विभाग जमीन का ही अधिग्रहण करना भूल गया है। जब रेलवे द्वारा रोहतक वाया महम हांसी रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहित की गई तो नो किले नंबर छूट गए। रेल की लाइन बिछा रहे ठेकेदार ने भैणीमहाराजपुर गांव निवासी पूर्व सरपंच कृष्ण व उसके भाई शिव कुमार के खेत में खड़ी चारे की फसल को उखाड़कर मिट्टी डालना शुरू किया तो दोनों भाइयों ने इस पर एतराज किया। कहा कि उनको न जमीन का मुआवजा मिला है और न ही उनकी जमीन का सरकार द्वारा अधिग्रहण किया गया है। मामला महम थाने में पहुंचा। मुश्किल से ठेकेदार ने अपना पीछा छुड़वाया।

अब दोनों तरफ रेलवे लाइन बना दी गई है। साथ एक मुहाने पर रेलवे का अंडर पास भी बना हुआ है। बीच में इन दोनों भाइयों की दो कनाल जमीन में धान की फसल खड़ी है। इसी प्रकार भैणीमहाराजपुर गांव के ही रामभज की भी यही शिकायत है। उनका कहना है कि उसकी एक एकड़ जमीन रेलवे नहीं अधिग्रहित नहीं की। अब वहां पर भी रेलवे लाइन नहीं बनाई जा सकती। क्योंकि न उसकी जमीन एक्वायर हुई और न मुआवजा मिला। ऐसे में रेलवे लाइन कैसे बन पाएगी। भू स्वामियों का कहना है कि उनकी जमीन को एक्वायर करने के लिए सेक्शन चार व छ लगना चाहिए। उसके बाद आज जो जमीन मुआवजे का रेट है, वह उनको मिलना चाहिए। कृष्ण ने बताया कि भैणीमहाराजपुर गांव जिन किसानों की जमीन एक्वायर हुई थी, उनको मुआवजा मिले चार साल हो गए हैं।

सीनियर अधिवक्ता रोहतास राठी ने किया मुआयना

जमीन अधिग्रहित न किए जाने से रेलवे लाइन का काम अधर में लटक जाने के बाद भैणीमहाराजपुर के कुछ किसानों ने इसकी शिकायत सीनियर एडवोकेट रोहतास राठी व जोगिंद्र शर्मा से की। महम के ये दोनों वकील मौके पर खेत में पहुंचे। जहां पर रेलवे लाइन बिछनी है और वहां पर आज फसलें खड़ी हैं। कहा कि राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा जल्द रेलवे लाइन बनवाने का दावा तो करते हैं। लेकिन जिस प्रकार एक तरफ तो रेलवे द्वारा लाइन बिछा दी गई है। रिहायशी क्वार्टर व रेलवे स्टेशन बना दिए गए हैं। दूसरी तरफ ऐसी जगह भी अब तक बची हुई हैं, जहां पर जमीन का अधिग्रहण भी नहीं किया जा सका है और फसलें खड़ी हैं। 

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