Marriage Ceremony पर ग्रहण बने सरकार के नियम : बढ़ते कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर से लगाए शादी समारोह की तैयारियों पर ब्रेक, रोजगार पर भी संकट

एक शादी से 100 लोगों को रोजगार मिलता है, इस लिहाज से अगर बढ़ते हुए केसों के चलते अभी तक जो शादी समारोह में शामिल होने वाले की संख्या 100 रखी गई है उसमें कटौति होती है तो देखें तो जिले भर में शादी कारोबार से जुड़े तथा शादी तथा अन्य समारोह में दिहाड़ी करने वाले लोग प्रभावित होंगे।;

Update: 2022-01-16 06:43 GMT

कुलदीप शर्मा : भिवानी

जिले में बेकाबू होते हुए संक्रमित मरीजों के चलते सबसे ज्यादा चिंता शादी कारोबार से जुड़े लोगों को तथा जिन परिवारों में शादी समारोह है उनको होनी शुरू हो गई है । जनवरी और फरवरी इन दो महीनों में करीब सैकड़ों शादियां होनी हैं, जिनमें ज्यादातर पर अब संशय के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। । पंडित, सुनार, नाई, घोड़ी, बैंडबाजा, लाइट डेकोरेशन, टेंट, ब्यूटी पार्लर, केटरिंग, हलवाई, मैरिजगार्डन, फोटोग्राफर, डीजे, पानी कैंपर, मणियारी, दर्जी, जनरेटर-साफ-सफाईवाले, इवेंट, आतिशबाजी, फूलवाले, बस-टैक्सी, बर्तन, कुम्हार सहित छोटे-मोटे धंधोंवाले बस इस बात की प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द हालात सामान्य हो जाए तथा न तो सरकार अब ज्यादा सख्ती बढ़ाए तथ न ही लॉकडाउन लगाए क्योंकि अगर दोनों में से कोई भी लागू होता है तो रोजगार पर संकट के बादल मंडरा जाएंगे। इनमें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो सिर्फ शादी समारोह में होने वाली कमाई से ही अन्य बचे हुए महीनों का खर्चा चलाते हैं।

एक शादी से 100 लोगों को रोजगार मिलता है, इस लिहाज से अगर बढ़ते हुए केसों के चलते अभी तक जो शादी समारोह में शामिल होने वाले की संख्या 100 रखी गई है उसमें कटौति होती है तो देखें तो जिले भर में शादी कारोबार से जुड़े तथा शादी तथा अन्य समारोह में दिहाड़ी करने वाले लोग प्रभावित होंगे। शाही शादियों में 50 लाख और औसत शादियों पर 3 से 25 लाख रुपए खर्च हो जाते हैं। एक शादी का औसत खर्च 8 लाख रुपए भी मानें तो सख्ती बढ़ने से करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित होगा। वहीं दूसरी तरफ शादी पर सरकारी पाबंदी नहीं, पर लोगों का कहना है कि ऐसी शादी से क्या फायदा जब बेटा या बेटी के शादी के चाव ही पूरे नहीं हो पाएंगे क्योंकि सरकार द्वारा फिलहाल 100 लोगों की इजाजत दे रखी है तथा अगर उन्होंने तारीख फिक्स कर दी तथा सख्ती को अधिक बढ़ा दिया गया तो उनकी तैयारियां धरी रह जाएगी।

फोटोग्राफी : शादियां कैंसिल होने से प्रभावित होंगे फोटोग्राफर

भिवानी फोटोग्राफर एसोसिएशन के संरक्षक अशोक शर्मा के मुताबिक जिले में करीब 250 फोटोग्राफर हैं। शहर में करीब 60 से 70 दुकानें चार लैब तथा 150 आउटडोर फोटोग्राफर हैं। जनवरी माह की 15 तारीख के बाद की बुकिंग पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं जिन परिवारों में जनवरी माह के अंत में या फरवरी माह में शादियां हैं वो परिवार असमंजस के चलते जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि बडे़ बड़े गार्डन के लिए बुक करवाई गई बड़ी बड़ी स्क्रीन और ज्यादा कैमरे अब कैंसिल करवाए जा रहे हैं। ऐसे में जिन फोटोग्राफरों को शादी की तारीख के लिए बुक कर रख था उन्हें मना करना पड़ रहा है।

प्रिंटिंग प्रेस :जनवरी माह में काम होना था शुरू

प्रिंटिंग प्रेस संचालक शंकल लाल ने बताया कि जनवरी माह में जब मलमास समाप्त हुआ तो कार्ड छपवाई का कार्य गति पकड़ता है लेकिन सरकार द्वारा बढ़ाई जा रही सख्ती के चलते लोग कार्ड तो छपवाने आ रहे हैं लेकिन उनकी संख्या बेहद कम है। पिछले साल जहां अक्टूबर नवंबर माह में लोगों ने 300 से एक हजार तक कार्ड छपवाए थे तो वहीं अब यह आंकड़ा 70 से 100 तक सिमट कर रह गया है। उन्होंने कहा कि फरवरी माह में जिन लोगों ने कार्ड के आर्डर दे रखे थे वो अब मना कर रहे हैं कि जब हमारा फोन आए, तभी प्रिंट करना ।

बैंडबाजा-डीजे : बुकिंग कैंसिल हो चुकी

बैंड संचालक सुभाष ने बताया कि जनवरी माह में शादी समारोह का कार्य तेजी पकड़ता है। शहर में लगभग 15-20 बैंडबाजेवाले हैं। एक बैंड के पास 15-20 कर्मचारी काम करते हैं। जिन लोगों ने दिसंबर माह मंें अपने बैंडबाजा बुक करवाया था तथा एडवांस के तौर पर राशि ली गई थी अब वो फोन नहीं उठा रहे हैं। जिसके चलते उन्हें तथा काम करने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि अगर सख्ताई बढ़ती है या फिर लॉकडाउन लगता है तो आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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