पराली की गांठ बनाकर फसल अवशेष प्रबंधन करने वाले किसानों को सरकार देगी रुपये

योजना का लाभ लेने के लिए किसानों का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। किसानों द्वारा पराली की गांठ बेचकर रसीद प्रस्तुत करनी होगी या पंचायत जमीन पर गांठे इकट‍्ठी करने का पंचायत द्वारा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा।;

Update: 2021-09-19 16:44 GMT

हरिभूमि न्यूज. सिरसा

कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा जिले में वर्ष 2021-22 के दौरान फसल अवशेष प्रबंधन स्टेट प्लान (एसबी-82) स्कीम के अंतर्गत बेलर द्वारा पराली के बंडल/गांठ बनाकर पराली प्रबंधन करने वाले धान के किसानों को अधिकतम एक हजार रुपये प्रति एकड़ या 50 रूपये प्रति क्विंटल (20 क्विंटल प्रति एकड़ पराली मानते हुए) प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसानों का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। किसानों द्वारा पराली की गांठ बेचकर रसीद प्रस्तुत करनी होगी या पंचायत जमीन पर गांठे इकट‍्ठी करने का पंचायत द्वारा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसानों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल एग्रीहरियाणासीआरएमडॉटकोम पर पराली की गांठ/बेल के उचित नष्पिादन हेतु पंजीकरण करना होगा जिसमें कुल धान का रकबा, प्रबंधन रकबा, खाता नंबर आदि दर्ज करने होगें। उन्होंने बताया कि ग्राम स्तरीय कमेटी द्वारा सत्यापन एंव जिला स्तरीय कमेटी द्वारा अनुमोदित उपरांत प्रोत्साहन राशि किसानों के खाते में सीधे स्थानांतरण कर दी जाएगी। इससे किसानों को बेल बेचकर अतिरक्ति आमदनी होगी वही पर्यावरण प्रदूषण में भी मुक्ति मिलेगी

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