वन विभाग ने तैयार की रिपोर्ट : आगजनी की घटनाओं व तेज आंधी की भेंट चढ़ रही हरियाली, नष्ट हो गए 33 हजार से ज्यादा पौधे
अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सैटेलाइट से भी सोनीपत कृषि विभाग को 270 लोकेशन भेजी गई थी। जिसके बाद कुछ किसानों पर विभाग की तरफ से फसल अवशेष जलाने पर कार्रवाई भी की गई। आगजनी की घटनाओं के कारण पेड़-पौधों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा।;
सोनीपत जिले में आगजनी व गत दिनों पहले आई आंधी की भेंट हरियाली चढ़ गई। जहां आगजनी की घटनाओं से हरियाली पर ग्रहण लग रहा हैं। वहीं तेज आंधी में वर्षो पूराने पेड़ गिर गए। उक्त पेड़ों को उठाने के लिए विभाग की तरफ से लेट-लतीफी की जा रही हैं। जिसका खामियाजा किसान को भुगतने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं। विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार आगजनी व तेज आंधी में 33 हजार से ज्यादा पौधे जल गए व पेड़ गिर गए। जिसके चलते क्षेत्र में हरियाली को बड़ा झटका लगा है।
बता दें कि अप्रैल व मई माह में रबी सीजन की फसलों की कटाई प्रक्रिया पूरी हो जाती है। ऐसे में फसल अवशेषों में आगजनी की घटनाएं भी काफी बढ़ जाती है। आगजनी की घटनाओं के कारण सडकों किनारे लगे पेड़-पौधे भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। इस बार सोनीपत जिले में गर्मी भी काफी अधिक पड़ी है। जिसके कारण आग लगने की घटनाएं भी काफी अधिक हुई है। फसल अवशेषों में आगजनी की घटनाओं को कंट्रोल करने के लिए कृषि विभाग ने भी लगातार किसानों में जागरूकता अभियान चलाया था। यही नहीं वन विभाग ने भी गांव-गांव में जाकर लोगों का पेड़ों के आसपास आगजनी न करने का आह्वान किया था। यही नहीं आगजनी की घटनाओं की मॉनिटरिंग करने के लिए सैटेलाइट से भी निगाह रखी जा रही थी। बावजूद इसके आगजनी की काफी घटनाएं सामने आई थी। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सैटेलाइट से भी सोनीपत कृषि विभाग को 270 लोकेशन भेजी गई थी। जिसके बाद कुछ किसानों पर विभाग की तरफ से फसल अवशेष जलाने पर कार्रवाई भी की गई। आगजनी की घटनाओं के कारण पेड़-पौधों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा।
खेत में पड़े पेड़, उठान न होने के चलते किसान परेशान
करीब दो सप्ताह पहले आई तेज आधी में जिले में कई स्थानों पर सड़क किनारे वन विभाग द्वारा लगाए पेड़ गिर गए। जिन्हें अलग-अलग रेंज के कर्मचारी उठाने का काम करते हैं। तेज आधी में गिरे पेड़ किसानो के लिए मुसीबत बने हुए हैं। उन्हें वन विभाग उठाने में लेट-लतीफी कर रहा हैं। जिसके चलते उनकी खरीफ सीजन के लिए खेत की जुताई तक नहीं हो पा रही हैं। सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार 15 जून के बाद धान की फसल किसान लगाने के कार्य को करेगें। ऐसे में खेत में पड़े विभाग के पेड़ों का उठान नहीं होने से उनकी फसल लगाने में देरी होगी। किसान इस संबंध में वन विभाग को सूचित कर चुके हैं, लेकिन कोई उठान नहीं हो पा रहा हैं।
सर्वे करवाया : तेज आंधी व आगजनी की घटनाओं से पेड़-पौधे भी आग की चपेट में आने से नष्ट हो गए। वन विभाग ने इस संबंध में सर्वे करवाया गया था। जिसकी रिपोर्ट तैयार हो गई है। सोनीपत व गोहाना रेंज में 33 हजार 600 पेड़-पौधे आग की वजह से नष्ट हुए है। इससे हरियाली पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। लोगों का आह्वान किया जा रहा है कि वे पेड़-पौधों को नष्ट होने से बचाए। वहीं ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करने में विभाग की मदद करे। - राजेश वत्स, डीएफओ, सोनीपत।