गुलाबी सुंडी का बढ़ता प्रकोप किसानों व कृषि वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय : काम्बोज

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार के दौरान गुलाबी सुंडी के उचित नियंत्रण व प्रबंधन को लेकर भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए गहन मंथन किया गया।;

Update: 2021-10-03 08:02 GMT

हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि देश के उत्तरी क्षेत्र में लगातार गुलाबी सुंडी का बढ़ता प्रकोप किसानों व कृषि वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय है। इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने होंगे ताकि किसान को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके। वे विश्वविद्यालय में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों व निजी बीज कंपनियों के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित एक दिवसीय सेमिनार को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।

सेमिनार के दौरान गुलाबी सुंडी के उचित नियंत्रण व प्रबंधन को लेकर भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए गहन मंथन किया गया। मुख्यातिथि ने कहा कि कपास की फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है जिसके निंयत्रण के लिए किसान जरूरत से ज्यादा अंधाधुध कीटनाशकों का प्रयोग कर रहा है जो चिंता का विषय है। इसलिए वैज्ञानिकों को जैविक कीटनाशकों व अन्य कीट प्रबंधन के उपायों को खोजना होगा और हितधारकों के साथ मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे तभी किसान को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा किसानों व दवा विक्रेताओं को फफूंदनाशकों व कीटनाशकों के मिश्रण संबंधी प्रयोग को लेकर खंड स्तर पर जाकर जागरूक करना होगा ताकि इसका अंधाधुंध प्रयोग रोका जा सके और किसान को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।

गुलाबी सुंडी के नियंत्रण व प्रबंधन के लिए दिए महत्वपूर्ण सुझाव

अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत ने वर्तमान समय में गुलाबी सुंडी को स्थिति को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए इसके प्रबंधन के बारे में भी गहनता से विचार-विमर्श किया। राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. पी.एस. शेखावत ने राजस्थान में और पीएयू लुधियाना से डॉ. विजय कुमार ने पंजाब में कपास की मौजूदा स्थिति को लेकर अवगत कराया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा के संयुक्त निदेशक(कपास) डॉ. आर.पी. सिहाग ने विभिन्न कंपनियों के कपास के बीजों की जानकारी दी व हरियाणा सरकार की ओर से चलाई जा रही किसान कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया। भारत सरकार के क्षेत्रीय कपास अनुसंधान केंद्र, सिरसा के निदेशक डॉ. एस.के. वर्मा ने उत्तर भारत में कपास की समस्याओं व उनके प्रबंधन को लेकर चर्चा की। इसी दौरान निजी बीज कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी गुलाबी सुंडी के नियंत्रण और प्रबंधन को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सेमिनार के समापन पर सभी के सुझावों को एकत्रित कर गुलाबी सुंडी को लेकर भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए आह्वान किया। सेमिनार में विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास, डॉ. नीरज, डॉ. सतीश खोखर, डॉ. अनिल यादव सहित कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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