गुरमीत राम रहीम ने फिर लिखी चिट्ठी, डेरा की गद्दी को लेकर दिया ये संदेश

चिट्ठी के बहाने राम रहीम ने डेरा की गद्दी को लेकर एक सीधा मैसेज देने की कोशिश की है। अपनी चिट्ठी में राम रहीम ने लिखा, ताउम्र गुरू बनकर करता रहूंगा सेवा।;

Update: 2020-07-29 13:33 GMT

रोहतक। सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) ने एक बार फिर एक चिट्ठी (Letter) लिखी है। अपनी चिट्ठी में राम रहीम ने लिखा, "ताउम्र गुरू बनकर करता रहूंगा सेवा" राम रहीम ने अपने खत के जरिए डेरा की गद्दी को लेकर हो रहे कयासों को खत्म करने की कोशिश की है। 

वायरल हुई चिट्ठी में इस बार उन्होंने अपनी मां और समर्थकों के नाम चिट्ठी भेजी है। गुरमीत ने जेल में रहकर पत्र द्वारा अपनी मां को कोरोना को लेकर सलाहें दी हैं। उन्होंने बीमारी से सावधानी बरतने के लिए कहा है। उसने जेल से आकर मां को इलाज कराने का भरोसा दिलाया है। गुरमीत डेरा प्र‍ेमियों से कोरोना पर सरकार के निर्देशोें का पूरा पालन करने को कहा है। गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम दाे साध्वियों से दुष्‍कर्म व रामचंद्र छत्रपति हत्‍याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहा है। उसे सुनारियां जेल में रखा गया है। उसने दो माह और 11 दिन के बाद एक बार फिर मां व डेरा की संगत के नाम दूसरा पत्र भेजा है। जिसे डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन ने सोशल मीडिया पर वायरल किया है।

मास्क का प्रयोग करें

25 जुलाई को लिखे गए पत्र में लिखा है कि सरकार के नियमों की पालना करें। बेशक अनलॉक है लेकिन अपने घरों में ही रहे। घर आकर नहाएं और अपने कपड़े धाेकर सुखा दें। पहली चिट्ठी में जो काढ़ा बताया था वह लेते रहें। इसके अलावा कोरोना से बचने के लिए मास्क लगाने व सात फीट की दूरी रखने की सलाह भी दी है।

ब्लड डोनेट करने की सलाह दी

पत्र के द्वारा डेरा प्रबंधन को ब्लड डोनेट करने के लिए कहा गया है। पत्र में कहा है कि वह गुरु के रूप में संसार की भलाई के लिए प्रार्थना करते थे और ताउम्र करते रहेंगे। डेरा में गुटबाजी से इंकार करते हुए लिखा कि उसे खुशी है कि हमारे बच्चे जसमीत, चरणप्रीत, हनीप्रीत व डेरा के सेवादार आज भी एक हैं। डेरा सच्‍चा सौदा मेें किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है। अगर कोई किसी की निंदा करता है और खुद को हमारा शिष्य बताता है तो यह गलत है। वह उनका शिष्य नहीं हो सकता। 

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