वैज्ञानिकों की मेहनत लाई रंग : ऑनलाइन सांख्यिकी विश्लेषण मोड्यूल के लिए हकृवि को मिले चार कॉपीराइट
वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने दी बधाई।;
हरिभूमि न्यूज : हिसार
चौधरी चरण सिंह Haryana Agricultural University gets four copyrights for online statistics analysis module के वैज्ञानिकों की मेहनत व अनवरत प्रयास एक बार फिर रंग लाई है। इस बार एक और उपलब्धि विश्वविद्यालय के नाम जुड़ गई है, जिसमें विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को ऑनलाइन सांख्यिकी विश्लेषण के मोड्यूल के लिए एक साथ चार कॉपीराइट मिले हैं। मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजवीर सिंह ने बताया कि ये मोड्यूल गणित एवं सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर ओपी श्योराण, डॉ. विनय कुमार और उनके सहयोगी डॉ. मंजू सिंह टोंक, डॉ. रामनिवास, डॉ. सरिता रानी के द्वारा तैयार किए गए हैं। विश्वविद्यालय को इन मोड्यूल के लिए कॉपीराइट मिला है, जो 23 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस के अवसर पर यह संसार के कृषि अनुसंधान क्षेत्र के विद्यार्थियों व वैज्ञानिकों के लिए एक तोहफा है।
क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर विधि पर हैं आधारित
गणित एवं सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर ओपी श्योराण ने बताया कि ये मोड्यूल एक्टिव सर्वर पेजिस (एएसपी) भाषा का उपयोग करते हुए क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर विधि पर आधारित हैं। इन मोड्यूल का उपयोग इंटरनेट के माध्यम से कोई भी वैज्ञानिक अनुसंधान में आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए कर सकता है। कृषि वैज्ञानिकों व शोध विद्यार्थियों के लिए ये मोड्यूल बहुत ही लाभदायक होंगे। वर्तमान समय में अनुसंधान में ऑनलाइन आंकड़ा विश्लेषण की तकनीकों की बहुत अधिक जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए इन मोड्यूल को विकसित किया गया है।
औसत के तुलनात्मक एवं किस्मों के वर्गीकरण में होंगे सहायक
मोड्यूल तैयार करने वाली टीम के इंचार्ज ने बताया कि इन मोड्यूल के माध्यम से शोधकर्ता कृषि शोध में किन्ही दो औसतों के अंतर का महत्व पता लगाने में सक्षम होगा। इसके अलावा बहुत अधिक किस्मों को गुण व विशेषताओं के आधार पर वर्गीकरण करने में उपयोगी होंगे। इन मोडूयल की सहायकता से शोधकर्ता अपने आंकड़ों का विश्लेषण ऑनलाइन माध्यम से बहुत ही सरलता से कर सकता है। इनमे से एक मोड्यूल बहुत अधिक किस्मों का एक साथ तुलनात्मक अध्ययन में सहायक होगा। सस्य विज्ञान एवं पशु विज्ञान के अनुसंधानों का सांख्यिकी विश्लेषण मेें भी सहायक सिद्ध होंगे।
इन मोड्यूल में नहीं कर सकता कोई बदलाव
गणित एवं सांख्यिकी के विभागाध्यक्ष डॉ. मंजू सिंह टोंक ने बताया कि इन मोड्यूल की कोडिंग में कोई अपने अनुसार बदलाव नहीं कर सकता। अगर इन मोड्यूल का कोड बदलना है तो इसके लिए विश्वविद्यालय के संबंधित विभाग से लिखित में अनुमति लेनी पड़ती है।
विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने इस उपलब्धि के लिए मोड्यूल तैयार करने वाली पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वद्यिालय के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों पर भी गर्व है कि वे निरंतर कुछ बेहतर करने के लिए प्रयासरत हैं। इससे विश्वविद्यालय का नाम रोशन हो रहा है और भविष्य में भी इसी प्रकार टीम भावना से काम करते रहने का आह्वान किया।
फोटो कैप्शन : विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज के साथ मोड्यूल तैयार करने वाली टीम ।