Haryana Budget 2023: मनोहर सरकार ने बजट में किसानों के लिए खोला खजाना, की ये घोषणाएं
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सतलुज-यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर के निर्माण के लिए बजट में 101 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।;
Haryana Budget 2023 : सीएम मनोहर लाल ने बजट पेश करते हुए कहा कि सतलुज-यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर के निर्माण के लिए बजट में 101 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023-24 में 20 हजार एकड़ में प्राकृतिक खेती का लक्ष्य रखा गया है। चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान, जींद, सिरसा के मंगियाना में प्राकृतिक खेती के 3 प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किये जाएंगे। जल संरक्षण के लिए फसली चक्र को बदलने पर जोर दिया जाएगा। प्रदेश में ढाई लाख एकड़ से अधिक में गन्ने की खेती होती है जिसमें बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है। गन्ना किसानों को फ्लड इरीगेशन के बजाय सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का उपयोग करना चाहिए। जल संरक्षण और भूजल के संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण का गठन किया है जिसमें भूजल उपलब्धता की ग्रामवार रिपोर्ट तैयार की है, जो दर्शाती है कि 7287 गांवों में से 3041 गांवों पानी की कमी है।
उन्होंने कहा कि नलकूप के लिए जिन किसानों ने आवेदन किए हैं उन्हें जल्द ही कनेक्शन जारी किए जाएंगे। इसके अलावा जिन गांवों में भूजल स्तर 100 फीट से नीचे चला गया है, वहां सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना अनिवार्य किया गया है। पीएम-कुसुम के तहत सौर ऊर्जा आधारित कृषि नलकूप दिए जाएंगे। सौर ऊर्जा के प्रोत्साहन के लिए 70,000 सौर पंपों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित सामाजिक और सामुदायिक संस्थानों में ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए एक नई योजना शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि कृषि गतिविधियों में ड्रोन को अपनाने के लिए 500 युवा किसानों को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ढैचा की खेती के लिए सरकार 720 रुपये प्रति एकड़ की दर से लागत का 80 प्रतिशत वहन करेगी। पराली की खरीद के लिए 1000 रुपये और पराली प्रबन्धन से सम्बंधित खर्चों को पूरा करने के लिए नामित एजेंसी को 1500 रुपये प्रति टन दिया जायेगा। ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के अधीन 1 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र लाने का लक्ष्य 2023-24 के लिए रखा गया है।
गौ सेवा आयोग के लिए 400 करोड़
वहीं उन्होंने कहा कि हरियाणा गौ सेवा आयोग में पंजीकृत नई गौशालाओं के लिए ग्राम पंचायतों की सहमति से ग्राम पंचायत भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। गौशालाओं को गोबरधन योजना से जोड़ा जाएगा, जिसके तहत हर जिले में बायोगैस प्लांट बनाए जाने प्रस्तावित हैं। बेसहारा गौमाताओं की देखभाल और सुरक्षा हेतु वर्ष 2023-24 के लिए हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए प्रावधान बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में, प्रत्येक जिले में लगभग पांच से दस एकड़ क्षेत्र के जंगल में एक स्थान पर इन वृक्षों के रोपण के माध्यम से अमृत वन विकसित करने का प्रस्तावित हैं और अगले पांच वर्षों तक उनकी देखभाल की जाएगी, जब तक कि वे उचित वन के रूप में विकसित न हो जाएं। भारतीय संस्कृति और परंपराओं में पेड़-पौधों को बहुत पवित्र माना गया है। तदनुसार, सीता अशोक, कृष्ण वट वृक्ष, कृष्ण कदम्ब, बड़, पीपल, नीम, शमी, देसी आम, वरुण, बेल पत्र आदि जैसे सभी पवित्र वृ़क्ष किसी न किसी क्षेत्र से जुड़े हैं।