हरियाणा : कृषि मंत्री के गांव में सरकारी स्कूल का हाल, कक्षाएं 10 और कमरे 3, मजबूरन दो शिफ्टों में पढ़ रहे विद्यार्थी

बारिश के दिनों में उपर से आसमानी आफत और दूसरी तरफ भूमिगत पानी के उपर आने की वजह से स्कूल में पैर रखने लायक भी जगह नहीं बचती, ऐसे में किस तरह से देश का भविष्य संवार पाएंगे।;

Update: 2022-09-27 13:12 GMT

हरिभूमि न्यूज : भिवानी

सरकारी स्कूलों में शिक्षा दिलाने व उसकी व्यवस्था का कई जगहों पर जनाजा निकल रहा है। हैरानी की बात यह है कि कृषि मंत्री जेपी दलाल के पैतृक गांव घुसकानी के हाई स्कूल में शिक्षा देने वाले तो हैं, लेकिन व्यवस्था पटरी पर नहीं है। हालात ये बने हैं कि उक्त हाई स्कूल में पहली से 10 वीं कक्षा तक करीब सवा दौ सौ बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन उनको बैठने के लिए महज तीन कमरे ही उपलब्ध हैं। दस क्लासें और तीन कमरे। ऐसे में किस तरह से बच्चे बैठ पाएं। शिक्षकों ने अपने स्तर पर बैठने के लिए व्यवस्था बनाई। अब स्कूलों को दो शिफटों में लगाया जा रहा है। उसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी। बारिश के दिनों में तो स्कूल परिसर तालाब बन जाता है। खासकर बारिश के दिनों में उपर से आसमानी आफत और दूसरी तरफ भूमिगत पानी के उपर आने की वजह से स्कूल में पैर रखने लायक भी जगह नहीं बचती, ऐसे में किस तरह से देश का भविष्य संवार पाएंगे।

बारिश ने बिगाड़ दी स्कूल की हालत

विगत में हुई तेज बारिश ने स्कूल की स्थिति बेहद खराब कर दी। स्कूल में करीब दो से ढाई फुट तक बारिश का पानी जमा हो गया। पानी की निकासी की कोई व्यवस्था न होने के वजह से पानी कमरों में घुसने लगा। स्कूल में नियुक्त पीटीआई विनोद पिंकू ने बारिश के पानी में घुसकर पानी की निकासी के लिए नाली तैयार की। साथ ही स्कूल के मुखिया मुकेश सांगवान राजमिस्त्री बन कर स्कूल की प्रयोगशाला व अन्य कमरों में बारिश या भूमिगत पानी न घुसे। इसके लिए उन्होंने करणी व बसोली लेकर कच्ची ईंटों से पानी रोकने के लिए दिवार चुन दी। दोनों शिक्षकों के अथक प्रयास के बाद लैब, क्लासरूम में पानी घुसने से रूक पाया। स्कूल की व्यवस्था सुधारने में इन दोनों शिक्षकों के अलावा लक्ष्मी,कृष्णा, गुड्डी, महीपाल व अनिल शर्मा का भी पूरा सहयोग रहा है। इस तरह की व्यवस्था में किस तरह से तो शिक्षक क्लासरूमों में पहुंचे और किस तरह से बच्चे बैग लेकर क्लासरूम तक आए। विषम परिस्थितियों में पढाई का माहौल देना पड़ रहा है।

तीन कमरें, 221 बच्चे और दस क्लासें

गांव घुसकानी स्थित हाई स्कूल में पहली से लेकर दसवीं तक की कक्षाएं लगाई जा रही है। वहां पर पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक 104 तथा छठी से लेकर दसवीं कक्षा तक 117 बच्चे पंजीकृत है। जो कि रोजाना स्कूल में पढने के लिए पहुंच रहे है। बताते है कि स्कूल में पांच कमरे थे,लेकिन दो कमरे जर्जर हो गए। उनमें बच्चों को बैठाया नहीं जा सकता। अब तीन कमरों में दसवीं तक की कक्षाएं नहीं लगाई जा सकती। इसके लिए शिक्षकों ने शिक्षा विभाग की अनुमति से स्कूल को दो शिफ्टों लगाना शुरू किया। अब तीन कमरों में पांच कक्षाएं लगाई जा रही है। कमरों के अलावा स्कूल में बने शौचालयों की स्थिति बेहद नाजुक है। यही स्थिति पीने के पानी की है। वहां पर पीने के पानी की कोई व्यवस्था न होने की वजह से बच्चों को घर से पीने का पानी लाना पड़ रहा है।

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