राज्य सरकार ने शीतकालीन अवकाश बढ़ाने का किया फैसला, विरोध पर उतरे प्राइवेट स्कूल, बोले बच्चों की पढ़ाई पर हो रहा असर
राज्य सरकार ने कड़ाके की सर्दी को देखते हुए सरकारी व प्राइवेट स्कूलों की छुट्टियां 21 जनवरी तक बढ़ा दी हैं। सरकार के इस फासले पर प्राइवेट स्कूलों ने नाराजगी जताई है।;
हरिभूमि न्यूज. अंबाला। राज्य सरकार ने कड़ाके की सर्दी के कारण सरकारी व प्राइवेट स्कूलों की छुट्टियां 21 जनवरी तक बढ़ा दी हैं। इसको लेकर आदेश भी जारी दिए गए हैं। पहले सर्दी की छुट्टियां 15 जनवरी को खत्म होने जा रही थी। इसके लिए छात्र भी स्कूल जाने की तैयारियों में जुट गए थे। राज्य सरकार के ताजे फैसले से बेशक छात्र बेहद खुश नजर आ रहे हैं पर प्राइवेट स्कूलों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है बोर्ड व दूसरी परीक्षाएं सिर पर हैं। ऐसे में छुट्टियों को आगे बढ़ाना कदापि उचित नहीं है।
पिछले महीने में त्योहारी सीजन के कारण ज्यादातर स्कूलों में अवकाश रहा। इसी वजह से सभी कक्षाओं का सिलेबस पूरा नहीं हो पाया। इसके कारण छात्रों को भी काफी परेशानी हुई। अब जब शीतकालीन अवकाश के बाद पढ़ाई शुरू होने वाली थी तो ऐसे में सरकार ने फिर से छुट्टियों का ऐलान कर दिया। ज्यादातर प्राइवेट स्कूल संचालक इस निर्णय से बेहद परेशान हैं। राष्ट्रीय स्तर पर प्राइवेट स्कूलों की अगुवाई करने वाली निसा संस्था ने तो इस पर कड़ा ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि ऐसे तो अब स्ट्रेस में बच्चों को सीधे परीक्षाओं में ही हिस्सा लेना होगा। उनका अधूरा सिलेबस तो पूरा नहीं हो पाएगा।
बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी होगी अधूरी
निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने शीतकालीन अवकाश आगे बढ़ाए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंन कहा कि सरकार के इस फैसले का असर उन छात्रों पर ज्यादा होगा जिन्हें बोर्ड परीक्षाओं में हिस्सेदारी करनी है। फरवरी से ये परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। ऐसे में अब इन छात्रों का तो सिलेबस पूरा ही नहीं हो पाएगा। इन छात्रों को तो सीधे परीक्षा में ही आना होगा। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री तो परीक्षा पर चर्चा करने वाले हैं। मगर राज्य सरकार को इसकी कतई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तो सभी छात्रों को स्ट्रेस में ही परीक्षाएं देने के मजबूर होना पड़ेगा। इसका सीधा असर बच्चों की बौद्धिक व शारीरिक क्षमता पर पड़ना तय है।
सरकारी स्कूलों में लग रही कक्षाएं
बेशक शीतकालीन अवकाश चल रहे हैं मगर जिले के कई सरकारी स्कूलों में छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। विभाग की ओर से दसवीं व बारहवीं की कक्षाएं लगाई जा रही हैं। ऑनलाइन कक्षाओं की भी व्यवस्था की गई है। ऐसे में छात्रों का अधूरा सिलेबस अतिरक्ति व ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए पूरा करवाया जा रहा है। ऐसे में तो कोई शिक्षा अधिकारी सरकार के इस फैसले का विरोध करता नहीं दिख रहा।
अभी मेरे पास शीतकालीन अवकाश बढ़ाए जाने की कोई अधिकारिक सूचना नहीं आई है। अगर ऐसा निर्णय आता है तो फिर वो हमें मान्य होगा। रही बात सिलेबस व बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी की। इसको लेकर सरकारी स्कूलों में दसवीं व बारहवीं की अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जा रही हैं। ऑनलाइन भी पढ़ाई करवाई जा रही है। प्राइवेट स्कूलों को भी ऐसा करना चाहिए ताकि छात्रों को सिलेबस व परीक्षाओं को लेकर किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े। सुधीर कालड़ा, जिल शिक्षा अधिकारी, अंबाला