PGT की नियुक्ति ना करवाने पर हरियाणा शिक्षा विभाग के ACS को हाईकोर्ट में पेश होने का आदेश
डीम्ड यूनिवर्सिटी डिग्री धारक चयनित पोस्ट ग्रेजुएट टीचर ( पीजीटी ) को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 22 मई 2015 को सशर्त नियुक्ति देने के आदेश दिए थे। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने इन आदेश की पालना नहीं की।;
डीम्ड यूनिवर्सिटी डिग्री धारक चयनित पोस्ट ग्रेजुएट टीचर ( पीजीटी ) को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 22 मई 2015 को सशर्त नियुक्ति देने के आदेश दिए थे। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने इन आदेश की पालना नहीं की। हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के तहत सजा देने से पहले वह अतिरिक्त मुख्य सचिव को कोर्ट सामने पक्ष रखने का मौका देती है । इस मामले में अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी।
इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील सज्जन सिंह मलिक ने बेंच को बताया कि साल 2012 में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर ( पीजीटी ) की भर्ती निकाली गई थी । इसमें काफी संख्या में डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री धारक है। हाई कोर्ट की एकल बेंच ने 22 मई 2015 को डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री धारक चयनित सभी उम्मीदवारों को सशर्त नियुक्ति देने के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ सरकार की अपील खारिज हो गई थी। गुरमेल कौर मामले में सरकार ने हाई कोर्ट में आश्वासन दिया था कि वो सभी याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट के तहत नियुक्त दे रही है।
लेकिन सरकार कोर्ट में आश्वासन देने के बाद भी केवल उन उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दे रही जिन्होंने अवमानना याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि खुद सरकार कोर्ट में नियुक्ति देने का आश्वासन दे चुकी है और कोर्ट भी कह चुका है फिर भी नियुक्ति पत्र क्यों नहीं जारी किए जा रहे। कोर्ट ने माना कि यह हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना है और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के तहत कार्रवाई होनी चाहियें। कोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को कहा कि क्यों न उसको कोर्ट की अवमानना का दोषी करार दे कर सजा दी जाए। लेकिन कोर्ट इस पर कोई निर्णय लेने से पहले एक बार उनको पेश होकर पक्ष रखने का मौका दे रहा है।
गौरतलब है कि 2012 में निकली पीजीटी की भर्ती में चयनित सैकड़ों आवेदकों को केवल इसलिए नियुक्ति नहीं दी गई थी क्योंकि उनकी डिग्री डीम्ड यूनिवर्सिटी से थी। इस मामले को लेकर चयनित आवेदक हाई कोर्ट में गए थे। इस पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट की एकल बेंच ने 22 मई 2015 को डीम्ड यूनिवर्सिटी डिग्री धारकों को सशर्त नियुक्ति देने के आदेश दिए थे। लेकिन सरकार ने इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील दायर की थी। लेकिन बाद में सरकार ने यह याचिका वापिस ले ली थी लेकिन पीजीटी को नियुक्ति अब तक नहीं दी गई।