Good News For Farmers : सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन प्राथमिकता आधार पर देगी हरियाणा सरकार
मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2018 में आवेदन किए हुए टयूबवेल कनेक्शनों में से 4412 कनेक्शन बकाया है, इन कनेक्शनों को तुरंत दिया जाएगा। वर्ष 2023-24 में इन कनेक्शनों से अगले कनेक्शनों को देने के लिए डिमांड नोट जारी किए जाएंगे।;
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी और उपलब्ध पानी के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकार सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को टयूबवेल कनेक्शन प्राथमिकता आधार पर देगी। सभी को ओपन टयूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं, क्योंकि अधिकांश क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है।
मुख्यमंत्री विधानसभा में बजट सत्र में प्रश्न काल के दौरान बोल रहे थे। मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2018 में आवेदन किए हुए टयूबवेल कनेक्शनों में से 4412 कनेक्शन बकाया है, इन कनेक्शनों को तुरंत दिया जाएगा। वर्ष 2023-24 में इन कनेक्शनों से अगले कनेक्शनों को देने के लिए डिमांड नोट जारी किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ट्यूबवेल कनेक्शन देने की प्रक्रिया को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत लाना संभव नहीं है। क्योंकि ट्यूबवेल कनेक्शन में तीन घटक होते हैं, पहला प्राकृतिक, दूसरा पानी की उपलब्धता और तीसरा बजट। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी ज्यादा नीचे चला गया है, वहां ट्यूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं है। केवल सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को कनेक्शन दिए जाएंगे। 50 एचपी से अधिक के कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। 10 एचपी तक के लिए सोलर कनेक्शन दिए जाएंगे।उन्होंने कहा कि 1 टयूबवेल कनेक्शन पर सरकार की ओर से 1 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है। प्रदेश में 6 लाख टयूबवेल विधिवत चल रहे हैं और सरकार किसानों को लगभग 6 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी सरकार दे रही है।
जलभराव के कारण फसलों की बुवाई न होने की एवज में किसानों को दिए साढ़े 15 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलभराव के कारण फसलों की बुवाई न होने की एवज में 23 हजार एकड़ के लिए साढ़े 15 करोड़ रुपये किसानों को दिए गए हैं। सीएम आज विधानसभा के बजट सत्र में फसल खराबे के मुआवजा के संबंध में लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। मनोहर लाल ने सदस्य द्वारा किसानों को मुआवजे की राशि न मिलने की शिकायत पर कहा कि मुआवजे की राशि जिला खजाना कार्यालय में भेजी गई थी। यदि किसी किसान को यह राशि नहीं मिली है, तो सदस्य सदन को अवगत करवाएं। यदि अधिकारियों ने किसानों को यह राशि वितरित नहीं की है तो उसकी जांच करवाई जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगी।