4 E से सड़कों को सुरक्षित बनाएगी हरियाणा सरकार, देखें क्या है यह योजना
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में ओवरस्पीड पर पूरी तरह रोक लगाने, हेलमेट व सीट बेल्ट का प्रयोग अनिवार्य करने का आदेश दिया है।;
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यातायात नियमों का पालन कराने और दुर्घटना में जाने वाली जान को लेकर अधिक काम करने की जरूरत है। उन्होंने प्रदेश में ओवरस्पीड पर पूरी तरह रोक लगाने, हेलमेट व सीट बेल्ट का प्रयोग अनिवार्य करने का आदेश दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि इस साल हमारी मुख्य प्राथमिकताएं होंगी। हरियाणा के सभी जिलों में दुर्घटना रहित आदर्श सडक़ों का निर्माण होगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सभी जिलों के उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों से वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से सडक़ सुरक्षा के संबंध में एसमीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होने कहा कि सडक़ निर्माण में रोड इंजीनियरिंग के सभी मानकों को लागू किया जायेगा, जिनमें इंजीनियरिंग की दृष्टि से महत्वपूर्ण संकेतक लेन आदि का विशेष ध्यान रखा जाए, सुरक्षित सडक़ दुर्घटना रोकने में पूरी तरह से कारगर साबित होंगी। साथ ही सभी जिलों में सडक़ सुरक्षा कमेटी जो समय-समय पर समीक्षा बैठक करती हैं, यह कमेटियां अब यह सुनिश्चित करेंगी कि सडक़ निर्माण से जुड़े विभागों के इंजीनियरों के रोड सेफ्टी आडिट के प्रशिक्षण कराये जाएं।
वहीं, मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि दुर्घटना के बाद घायल व्यक्ति को तुरंत अपस्ताल पहुंचाया जाए, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएं, यदि ऐसा किया जाता है तो किसी घायल व्यक्ति की जान बच सकती है। इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित करें, सडक़ पर कोई दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति है तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाए। इसके लिए हमनें भी तय किया है कि न्यूनतम समय में एंबुलेंस सर्विस उपलब्ध कराकर जीवन बचाने वाले कर्मी तथा बेहतरीन उपचार करने वाले अस्पतालों को भी समय-समय पर सम्मानित किया जाएगा।
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि वैसे 4 ई के मंत्र से सुरक्षित राजमार्ग का सपना साकार हो सकता है, पहला इंजीनियरिंग, दूसरा इंफोर्समेंट, तीसरा इमरजेंसी केयर और चौथा एजुकेशन। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी सडक़ों पर हादसे की संभावनाएं है या दुर्घटना की संख्या बढ़ रही है ऐसे क्षेत्रों में ब्लैक स्पॉट एवं दुर्घटना बिन्दुओं को चिन्हित किया जाना चाहिए। इसके बाद रोड सेफ्टी आडिट कराकर कारणों का शीघ्रता से निदान करने की कार्य संस्कृृति विकसित की जाए।