जींद में आयोजित किसान महापंचायत में उमड़ी भीड़, राकेश टिकैत बोले- देश में बीजेपी नहीं, कंपनी की सरकार

हरियाणा के जींद में गणतंत्र दिवस के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर नई अनाज मंडी में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि...;

Update: 2023-01-26 14:01 GMT

हरिभूमि न्यूज़ जींद: गणतंत्र दिवस के दिन जींद में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर नई अनाज मंडी में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में तीनों कृषि कानून रद्द हो, एमएसपी को कानूनी जामा पहनाया जाए, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो, किसानों का कर्ज माफी व 26 जनवरी को गिरफ्तार किए गए निर्दोष किसानों को रिहाई की मांग समेत पांच प्रस्ताव पास किए गए। महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू )के राष्ट्रीय प्रेस प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि वे किसी भी अगले कदम के लिए तैयार रहे। उन्होंने सरकार केंद्र सरकार से किसानों की मांगें जल्द मानने को कहा। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड समेत कई राज्यों से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे। इसके अलावा इस महापंचायत में बीकेयू के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, पंजाब से जोगेंद्र उग्राहां समेत कई बड़े किसान नेता पहुंचे। सभी नेताओं ने केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर भाषणबाजी की।

महापंचायत में पहुंचे बीकेयू के राष्ट्रीय प्रेस प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में कहा कि देश में बीजेपी नहीं, कंपनी की सरकार चल रही है। इस सरकार में जो ज्यादा दाम लगाता है, उसी की चलती है। उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर बरसते हुए कहा कि सरकार कान खोलकर सुन ले,अभी तो उन्होने बिल वापसी की मांग की है अगर नौजवानों ने गद्दी वापसी की मांग कर ली तो क्या होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस सभी मुद्दो पर उनकी कमेटी से बात कर ले नहीं तो सरकार के खिलाफ कड़े फैसले लेंगे। टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि वे किसी भी अगले कदम के लिए रात को भी तैयार रहे। उन्होने कहा कि आगामी 9 फरवरी को कुरुक्षेत्र में संयुक्त किसान मोर्चा की एक मीटिंग होगी उसी में दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन की तारीख 15 मार्च से 22 मार्च के बीच तय की जाएगी।

टिकैत ने कहा कि हमें भी पता है कि सरकार हमें दिल्ली में प्रदर्शन के लिए कोई जगह तो देने वाली नहीं है अगर आप ने अपनी नसल फसल बचानी है तो अपने ट्रैक्टरों को तैयार रखना होगा, कभी भी कॉल हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार 10 साल पुराने ट्रैक्टर बंद करना चाहती है अगर सरकार आपके ट्रैक्टर को पकड़ना बंद कर दे तो आप समझ लेना कि आपका आंदोलन सफल हो गया। टिकैत बोले सरकार यह समझ ले हम किसी पार्टी से बंधे हुए नहीं है हम किसान से बंधे हुए हैं। उन्होंने कहा 26,27, 28,29 जनवरी को हर साल तिहाड़ के रूप में मनाया जाएगा।

महापंचायत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा बीजेपी पशुओं को भूखा मारने का षड्यंत्र रच रही है। सरकार की तरफ से अभी एक दवाई लाई गई है, जो घास व पौधों पर छिडक़ी जाएगी। इस दवाई के कारण आवारा पशु पौधों को नहीं खाएंगे लेकिन यही घास जब गांव में जाएगी तो गांव के पशु भी इस घास को नहीं खाएंगे। इस कारण पशु भूखे मर जाएंगे। बीजेपी देश के किसान के पशुओं को भूखा मारने पर तुली हुई है। टिकैत ने कहा कि यह हमारी वैचारिक लड़ाई है। लोग जागरूक हो रहे हैं, आज किसान जाग रहा है। इस वैचारिक क्रांति से ही हम अपनी मांगों को पूरा करवाएंगे। गन्ने के रेट दस रुपये बढ़ाने पर उन्होंने कहा कि यह बहुत कम है। सरकार ने बीस रुपये भाड़े के रूप में काट लिए हैं, इससे गन्ने का रेट और कम हो जाएगा। हरियाणा में गन्ने का रेट पहले सबसे अधिक होता था लेकिन बीजेपी सरकार अब हरियाणा के किसान को भी आर्थिक रूप से पीछे धकेल रही है। हम आंदोलन लड़ रहे हैं गन्ने का रेट 500 रुपये प्रति क्विंटल हो तो किसान का कुछ भला हो सकता है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश का किसान कोई अलग नहीं है। पूरे देश का किसान एक है। हमारी सबकी मांगे समान हैं।

राकेश टिकैत ने कहा कि यहां का संविधान बाबा भीमराव अंबेडकर ने सबको समानता देने के लिए बनाया गया था लेकिन यह सरकार भेदभाव कर रही है। सरकार का एजेंडा पहले ही तय है। सरकार का एजेंडा है हिंदू और सिखों को लङवाना। एक फसल के किसान को दूसरी फसल के किसान से लड़ाएगी और एक खाप से दूसरी खाप को लड़ाएगी। आप लोगों ने उनके चक्रव्यूह में नहीं फंसना है। किसानों को इनके बहकावे में नहीं आना है। ये अलग-अलग जाति के अलग-अलग किसान संगठन बनाएंगे और मजदूरों के भी अलग-अलग संगठन बनाएंगे देश में सरकारी किसान संगठन बनाएंगे और उनको संयुक्त किसान मोर्चा के खिलाफ बुलवाएँगे संयुक्त किसान मोर्चा इनकी चाल में फसने वाला नहीं है क्योंकि हमें पहले ही इनकी चाल का पता है। टिकैत ने कहा कि आने वाले समय में बीजेपी सरकार के खिलाफ वैचारिक आंदोलन शुरू होगा। इस महापंचायत में बीकेयू के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, पंजाब से जोगेंद्र उग्राहां, डॉ दर्शन पाल, हनन मौला, जोगेन्द्र नैन समेत अनेक किसान नेताओं ने संबोधित किया।

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