हरियाणा विस बजट सत्र : खनन मुद्दे पर कांग्रेस का हंगामा, हुड्डा ने की CBI जांच की मांग, किरण व दलाल के बीच तू-तू, मैं-मैं
हरियाणा विधानसभा बजट-सत्र दूसरे चरण की कार्यवाही सोमवार को एक बार फिर शुरू हुई। हरियाणा प्रदेश में अवैध खनन और पिछले दिनों हुए डाडम हादसे को लेकर विधानसभा में विपक्ष कांग्रेस की ओर से खासा हंगामा किया गया।;
योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
हरियाणा विधानसभा बजट-सत्र दूसरे चरण की कार्यवाही सोमवार को एक बार फिर शुरू हुई। हरियाणा प्रदेश में अवैध खनन और पिछले दिनों हुए डाडम हादसे को लेकर विधानसभा में विपक्ष कांग्रेस की ओर से खासा हंगामा किया गया, इतना ही नहीं मंत्री मूलचंद शर्मा के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने जमकर शोरगुल किया इस दौरान नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड्डा और बाकी विधायकों ने सीबीआई जांच की मांग उठाई व एक बार वॉकआउट भी किया।
अवैध खनन व हादसे को लेकर इनेलो विधायक अभय चौटाला ने भी सवाल खड़े किए, इस दौरान उनकी समय को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता से तीखी बहस व नोकझोंक भी हुई। बहस के बीच माइक बंद होने पर अभय बाहर चले गए। सदन में कांग्रेस की विधायक किरण चौधरी की यूरिया व खाद की कमी को लेकर मंत्री जयप्रकाश दलाल के साथ में खासी "तू-तू, मैं-मैं" हुई, इस दौरान स्पीकर गुप्ता ने बीच में हस्तक्षेप कर मामला शांत किया। सदन की सोमवार को अंतिम चरण की कार्यवाही में सात बिलों को पुनर्स्थापित करने के लिए टेबल ( प्रस्तुत) किया गया। सीएम मनोहरलाल ने विपक्ष को दिया भरोसा और कहा कि उनके शासन में पारदर्शिता के साथ में काम हो रहा है, पूरे मामले में उन्होंने सदन मे अपना पक्ष भी रखा व बताया कि किस तरह से उक्त मामला उच्च अदालत में विचाराधीन हैं और तीन कमेटियां जांच कर रही हैं।
बजट-सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही 8 मार्च को बजट पेश करने के बाद दोपहर दो बजे शुरु हुई। शुरुआत की कार्यवाही के दौरान एक घंटे तक प्रश्नकाल चला। जिसमें विधायकों ने अपने अपने इलाकों के बिजली, पानी, कृषि उपज, मंडियों स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़े मामले उठाए व मंत्रियों ने जवाब दिए। सदन में विपक्ष की ओऱ से प्रदेश के अंदर अवैझ खनन और डाडम हादसे को लेकर ध्यानाकर्षण लगाए गए थे। इसमें भारत भूषण बतरा, आफताब अहमद, गीता भुक्कल, सुरेंद्र पंवार, जगबीर सिंह मलिक, बिशनलाल, रेणूबाला आदि की ओऱ से अवैध खनन का मामला उठाया गया था। डाडम हादसे में हुई पांच मौतों और नियमों के विरुद्ध खुदाई के आरोप लगाते हुए नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आफताब अहमद, किरण चौधरी सभी ने अच्छा खासा शोरगुल और हंगामा किया।
साथ ही सीबीआई जांच की मांग की गई, इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहरलाल खुद जवाब दे रहे थे, साथ ही उन्होंने कहा कि पारदर्शी सिस्टम तैयार करने, राज्य को राजस्व ज्यादा से ज्यादा दिलाने को लेकर वे संकल्पबद्ध हैं। पूरे मामले में तीन-तीन कमेटियां जांच कर रही हैं, इसलिए फिलहाल उनकी जांच का इंतजार करना होगा। कुल मिलाकर मंत्री और सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। इनेलो अभय चौटाला ने भी राज्य में हो रहे खनन को लेकर सवाल खड़े किए और पालिसी को लेकर भी सदन में पूछा व कहा कि काम शुरू होने के अगले दिन हादसा हो गया।
अभय ने माइक बंद होने पर आपत्ति उठाई
अभय ने माइक बंद होने पर आपत्ति उठाई व आक्रामक दिखाई दिए। कांग्रेस के कईं अन्य विधायकों ने भी छोटी मछली पकड़ी जा रही हैं, जबकि मगरमच्छ बच रहे हैं कहकर माहौल को गर्मा दिया। इसके अलावा सदन में फसल खराबे से हुए नुकसान, बुजुर्ग पेंशन के साथ-साथ में अन्य कईं विषयों को लेकर विधायकों ने सदन में अपनी बात रखी। अंतिम चरण की प्रक्रिया में बजट को लेकर विपक्ष की ओऱ से आलोचना का सिलसिला शुरू हो गया है। वहीं सत्तापक्ष की ओऱ से असीम गोयल, रणधीर सिंग गोलन, राकेश दौलताबाद ने बजट की भूरि-भूरि प्रशंसा की। दौलताबाद ने दिल्ली माडल से हरियाणा की तुलना की, तो स्पीकर तारीफ करते हुए नजर आए। विपक्ष की ओर से किरण चौधरी ने बजट की जमकर आलोचना की, तो इस दौरान सीएम हर बात को बेहद ध्यान से सुनते हुए नजर आए।
मुख्यमंत्री ने विस्तार से सदन में डाडम हादसे को लेकर पूरी बात रखी और कहा कि हम हरियाणा के राजस्व को नुकसान नहीं होने देंगे और जो भी लोग इसके जिम्मेदार होंगे उनको बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने यह भी कहा कि इसके पीछे भी कुछ ताकतें षडयंत्र कर रहींहैं, जिस पर विपक्ष ने नाम का खुलासा करने की मांग की। सीएम ने साफ कर दिया कि वक्त आने पर सभी नामों को भी सदन में रखा जाएगा।
सदन को गुमराह करते हैं मंत्री दलाल : किरण चौधरी
हरियाणा कांग्रेस की विधायक और वरिष्ठ नेता किरण चौधरी ने सोमवार को जमकर मंत्री जेपी दलाल पर हमला बोला और कईं बार कहा कि वे सदन को गुमराह करते हैं। इस बीच में यूरिया व खाद की कमी, कालाबाजारी, कतार में लगकर महिलाओं को यूरिया लेने की बात पर मंत्री के साथ में उनकी तीखी बहस भी हुई, इस दौरान सीएम और स्पीकर ने कईं बार हस्तक्षेप किया व किरण चौधरी की भाषा, इशारों पर आपत्ति उठाई। कुल मिलाकर किरण चौधरी और मंत्री जेपी दलाल के बीच में बहस तू-तू, मैं-मैं को लेकर सदन में बाकी विधायक हंसते रहे। इस दौरान किरण चौधरी को फील्ड में जाने की नसीहत देते रहे कृषि जेपी दलाल, तो किरण चौधरी ने कहा कि ये मात्र टिवीटर और सोशल मीडिया के मंत्री हैं। जेपी दलाल ने भी किरण चौधरी पर घर में बैठकर राजनीति करने का आरोप लगाया।
अवैध खनन के आरोपों पर मुख्यमंत्री बोले- तीन एजेंसी कर रही जांच
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान भिवानी जिले के डाडम क्षेत्र में अवैध खनन पर लाए गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर स्पष्ट किया कि इस मामले की जांच तीन एजेंसियों द्वारा की जा रही है और अंतिम रिपोर्ट आने तक इंतजार करना होगा। अगर आवश्यक हुआ तो सरकार बड़ी से बड़ी एजेंसी से निश्चित जांच करवाने के लिए तैयार हैं । मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि एनजीटी के जस्टिस प्रीतम पाल, खनन सुरक्षा समिति तथा भिवानी के उपायुक्त अध्यक्षता में गठित विशेष जांच कमेटी इस मामले की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल इस मामले की सीबीआई जैसी एजेंसी से जांच करवाने की आवश्यकता नहीं है।
राज्य में संगठित अवैध खनन का कोई मामला नहीं
परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा राज्य में संगठित अवैध खनन का कोई मामला नहीं पाया। मंत्री के जवाब से अंसतुष्ट विपक्ष शोरगुल करता रहा लेकिन मंत्री अपना लिखा हुआ जवाब पढ़ते रहे। मंत्री शर्मा ने कहा कि खनिजों की चोरी की छिटपुट घटनाएं संज्ञान में आती हैं जिन्हें कानून के अनुसार निपटाया जा रहा है। इस तरह की घटनाओं सहित अन्य पड़ोसी राज्यों से बिना वैध सहायक दस्तावेजों के (अर्थात वैध बिल/सोल पर्ची के बिना) खनिजों के परिवहन के मामले भी खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) के अधिनियम, 1957 की धारा 21 ( 5 ) के प्रावधानों के अनुसार जुर्माना लगाकर निपटाए जाते हैं। सरकार ने अवैध खनन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति चुनी है तथा संबंधित जिले में अवैध खनन की किसी भी घटना पर नजर रखने / रोकने और इस संबंध में न्यायालयों के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिला उपायुक्तों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है।
इस टास्क फोर्स में सदस्यों के रूप में पुलिस अधीक्षक और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। इन कार्यबलों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक अन्य राज्य स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा की जाती है। राज्य सरकार द्वारा पुलिस की 2 विशेष प्रवर्तन टीमें भी गठित की गई हैं जो खनन अधिकारियों के साथ कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त अवैध खनन में लिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ एफआईआर आज भी दर्ज की जा रही हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2020 वाहन पकड़े गए, 21.65 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया और 211 एफआईआर दर्ज की गई। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में 3515 वाहन पकड़े गए, 82.77 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया और 539 एफआईआर दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2021-22 में 2192 वाहन पकड़े गए, 29.40 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया और 977 एफआईआर दर्ज की गई।