Health Minister अनिल विज के निर्देश : बढ़ते डेंगू के मामलों को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएं फीवर कॉर्नर
- राज्य के प्रत्येक गांव और शहरी क्षेत्र में भी प्रत्येक वार्ड हेतु एक - एक फागिंग मशीन ली जाए
- राज्य में जहां-जहां भी पानी खड़ा है, वहां पर इंसेंटिसाइड (कीटनाशक) और तेल का छिड़काव किया जाए
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Haryana : हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में बढ़ते डेंगू के मामलों को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में फीवर कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे, ताकि वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम की जा सके। वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य के प्रत्येक गांव और शहरी क्षेत्र में भी प्रत्येक वार्ड हेतु एक - एक फागिंग मशीन ली जाएगी। शहरी क्षेत्र में व्हीकल माउंटेड मशीन भी होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में जहां-जहां भी पानी खड़ा है वहां-वहां पर इंसेंटिसाइड (कीटनाशक) और तेल का छिड़काव किया जाए ताकि लार्वा पनप न सके।
अनिल विज ने सिविल सर्जनों को निर्देश दिए कि डेंगू बारे एडवाइजरी जारी करें और टीमें बनाकर लोगों को जागृत करने के लिए डोर-टू-डोर अभियान चलाए। राज्य के लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वह अपने घरों में रुके हुए पानी को हटाए और पानी की टंकियां, वाटर कुलरों इत्यादि जगहों को साफ रखें ताकि डेंगू जैसी बीमारी ना उत्पन्न हो सके। उन्होंने संबंधित अधिकारियों व सभी जिला के सिविल सर्जनों को निर्देश देते हुए कहा कि वह अपने-अपने जिले में इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी करें और इस बारे में जागरूकता भी दी जाए। संबंधित जिलों के सिविल सर्जन अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग की टीमें बनाकर लोगों को जागृत करने के लिए डोर-टू-डोर अभियान भी चलाना चाहिए।
डेंगू नोटिफाइड बीमारी, डेंगू के केस रिपोर्ट न करने पर होगी सख्त कार्रवाई
निजी अस्पतालों तथा निजी प्रयोगशालाओं द्वारा डेंगू के केस रिपोर्ट न करने के संबंध में उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि सिविल सर्जन अधिकारियों को टीम बनाकर समय-समय पर इन निजी अस्पतालों और निजी प्रयोगशालाओं को चेक करना होगा, क्योंकि यह एक नोटिफाई बीमारी है। जो अस्पताल और प्रयोगशाला इन केसों को रिपोर्ट नहीं करेगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लारवा पाए जाने पर संबंधित को जारी करे चालान और नोटिस
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिनके घरों में लारवा पाया जाता है, उन्हें नोटिस और चालान जारी किए जाएं। राज्य के जितने भी जलाशय हैं, उनमें गैंबुजिया मछली को छोड़ा जाए ताकि वह लारवा पनपने न दे। डेंगू के लक्षणों के संबंध में जानकारी के साथ एडवाइजरी भी जारी होनी चाहिए, ताकि लोग ऐसे लक्षण होने पर अपना टेस्ट करवा सकें। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में डेंगू का टेस्ट फ्री है जबकि निशुल्क तौर पर प्लेटलेट्स भी चढ़ाए जाते हैं।
अब तक डेंगू के 772 मामले सामने आए
राज्य में चिकनगुनिया के अब तक 43 मामले सामने आए हैं जबकि मलेरिया के 35 मामले आए हैं। अब तक डेंगू के 772 मामले सामने आए हैं। राज्य के सरकारी अस्पतालों में अब तक 23128 डेंगू के सैंपल लिए गए हैं जिनमें से 630 पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि निजी अस्पतालों में 4578 सैंपल लिए गए हैं जिनमें से 142 पॉजिटिव पाए गए। राज्य में 27 डेंगू की टेस्टिंग लैब संचालित है और सभी सिविल अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में सैंपल लिए जा रहे हैं। डेंगू का टेस्ट 600 रुपए में निर्धारित किया गया है। सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की सुविधा राज्य के साथ गुरुग्राम, करनाल, पंचकुला, रोहतक, सोनीपत, फरीदाबाद और हिसार पर मुहैया करवाई जा रही है।
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