टीकरी बार्डर पर बंगाल की युवती से रेप केस में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, जानिये पूरा मामला
आरोपित जगदीश सिंह बराड़ की अग्रिम जमानत की मांग पर बुधवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सरकार ने बहस के दौरान पक्ष रखते हुए यह याचिका खारिज करने की मांग की।;
टीकरी बार्डर पर कोरोना से मरने वाली बंगाल की युवती से दुष्कर्म के मामले में आरोपित जगदीश सिंह बराड़ की अग्रिम जमानत की मांग पर बुधवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सरकार ने बहस के दौरान पक्ष रखते हुए यह याचिका खारिज करने की मांग की। सरकार की तरफ से कहा गया कि बराड़ का इस मामले में महत्वपूर्ण रोल है और अगर उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया गया तो वो मामले को प्रभावित कर सकता है। हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश भारद्वाज ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। हाई कोर्ट इस मामले में पहले दो आरोपितों की अग्रिम जमानत की मांग खारिज कर चुका है। बराड़ ने अपनी याचिका में कहा कि उसको इस मामले में बेवजह फंसाया जा रहा है जबकि इस मामले में उसका कोई रोल नहीं है इसलिए उसको अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए।
इसी मामले के एक अन्य आरोपित की जमानत पर हाईकोर्ट में मृतका के पिता का हलफनामा पेश किया था। हलफनामा के अनुसार युवती ने अपने पिता को बताया था कि बताया था कि ट्रेन में रात के समय जब सब सो रहे थे तो अनिल लड़की (पीड़िता) के पास आया था और उसका हाथ पकड़ने लगा। जिसके बाद लड़की ने उसे दोबारा ऐसा न करने की चेतावनी दी। टिकरी बॉर्डर पहुंचने के बाद लड़की को अनिल मलिक, अनूप सिंह और अंकुर सांगवान के साथ टेंट शेयर करना पड़ा। लड़की ने अपने पिता से ये भी कहा था कि ये लोग उस पर दबाव बना रहे हैं और उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं। 16 अप्रैल को पीड़िता ने अपने पिता को बताया कि उसने अपनी आप बीती योगिता और जगदीश से साझा की है। आरोपित जगदीश ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि उस पर जो आरोप लगाए हैं, वह निराधार है।