Weather Update : हरियाणा में गर्मी ने फिर दिखाए तेवर, पारा 46 डिग्री पार, 10 जून से पहले राहत के कोई आसार नहीं
उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार एक के बाद एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहे हैं, लेकिन उनका प्रभाव नग्नय है। वर्तमान समय में भी एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है। जिसकी उसकी वजह से उत्तरी पंजाब पर एक कमजोर प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन बना हुआ है;
हरिभूमि न्यूज : नारनौल
मार्च से ही गर्मी ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए थे। अप्रैल व मई में भी रिकॉर्ड स्थापित किए और अब जून में भी एक बार फिर से भीषण गर्मी व प्रचण्ड हीट वेव लू अपने तीखे तेवरों से आगाज किए हुए है। वर्तमान समय मेे उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में हरियाणा, एनसीआर दिल्ली, पंजाब, राजस्थान के सभी स्थानों पर एक बार फिर से भीषण गर्मी पैर पसार रही हैं।
राजकीय महाविद्यालय के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डा. चंद्रमोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में एक बार फिर से बलुचिस्तान और थार मरुस्थल की पश्चिमी गर्म तथा शुष्क हवाओं का आधिपत्य की वजह से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, एनसीआर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात में भीषण गर्मी अपने प्रचंड तेवरों से आगाज किए हुए है। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। ज्यादातर स्थानों तापमान 45.0 को पार कर गया और कुछ स्थानों पर 47.0 डिग्री सेल्सियस से ऊपर छलांग लगा दी है। शनिवार को राजस्थान में धौलपुर का अधिकतम तापमान 47.7 डिग्री सेल्सियस व हरियाणा में बालसमंद हिसार का पारा 47.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि एनसीआर दिल्ली में मुंगेशपुर का 47.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी प्रकार अन्य सभी राज्यों में तापमान में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रही है।
रविवार को भी हरियाणा एनसीआर दिल्ली में ज्यादातर स्थानों पर अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। हरियाणा में ज्यादातर स्थानों पर अधिकतम तापमान 43.0डिग्री से 46.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान 24.0 डिग्री से 30.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। आज जिले में नारनौल व महेंद्रगढ़ में क्रमश: 44.4 डिग्री व 46.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि जिले में नारनौल व महेंद्रगढ़ का न्यूनतम तापमान क्रमश: 29.8 डिग्री व 30.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
डा. चन्द्रमोहन ने बताया कि उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार एक के बाद एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहे हैं, लेकिन उनका प्रभाव नग्नय है। वर्तमान समय में भी एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है। जिसकी उसकी वजह से उत्तरी पंजाब पर एक कमजोर प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन बना हुआ है और एक टर्फ रेखा उत्तरी तराई क्षेत्र में बनी हुई है। जिसकी वजह से दक्षिणी पूर्वी हवाएं हिमालय के तराई क्षेत्र तक ही सीमित है। जिसके चलते सम्पूर्ण इलाके में सुबह व दोपहर के समय आंशिक बादलवाही कुछ समय के लिए देखने को मिल रही है और कभी-कभी धुल भरी हवाएं चलने लगती है। उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी से 10 जून तक राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे है।