हाईकोर्ट ने पूछा ऑनर किलिंग मामलों में कहां तक पहुंची सुनवाई, स्टेटस रिपोर्ट दें

सभी सेशन जज अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दें कि ऑनर किलिंग के मामले पर किस तिथी को सुनवाई हुई। किस गवाह को गवाही के लिए कब समन जारी किए गए और वो कब आया, न आने पर उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।;

Update: 2021-02-04 14:57 GMT

आनर किलिंग मामलों के निपटारे में देरी पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वो कैथल, हिसार, रोहतक, भिवानी, सिरसा, व सोनीपत के सेशन जज से आनर किलिंग के मामलों की सुनवाई की स्टेटस रिपोर्ट मंगवाए।

सभी सेशन जज अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दे कि ऑनर किलिंग के मामले पर किस किस तिथी को सुनवाई हुई। किस गवाह को गवाही के लिए कब समन जारी किए गए और वो कब आया, न आने पर उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। इस तरह के मामलों में कोर्ट द्वारा जारी आदेश की समय पर पालना न होने पर उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। इन जिलों में आनर किलिंग के मामले होने की डीजीपी की जानकारी के बाद हाई कोर्ट ने यह आदेश जारी किया। फतेहाबाद के सेशन जज इस बाबत हाई कोर्ट में पहले ही जानकारी दे चुके हैं। मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के आदेश पर हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने हलफनामा देकर कोर्ट को आनर किलिंग मामलों की जांच व निपटान बारे स्टेटस रिपोर्ट दायर की।

यादव ने हाई कोर्ट में दिए अपने हलफनामें में बताया कि आनर किलिंग में प्रभावित परिवार, पति -पत्नी की सुरक्षा के लिए पुलिस समय समय पर जांच कर उनको सुरक्षा उपलब्ध करवाती है।गवाहों की सुरक्षा के लिए हरियाणा विटनेश प्रोटेक्शन स्कीम-2020 के तहत सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाती है। हाईकोर्ट को बताया गया कि इस तरह के मामलों को जघन्य अपराध की जगह चिन्हित अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाता है। जिला स्तर पर डीसी की अगुवाई में एक कमेटी चिन्हित अपराध को तय करती है, क्यों की जो अपराध चिन्हित अपराध की श्रेणी में आता है उसकी जांच डीएसपी रैंक या उसके उपर के रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल को सौंपी जाती है। जो फास्ट तरीके से मामले की जांच करती है।

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