खुशखबरी : निकाय चुनाव करवाने के लिए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को दी इजाजत

हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा नगरपालिका चुनावों में पिछड़ा वर्ग (बीसी) श्रेणी के लिए प्रधान पद को आरक्षित करने की नीति को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।;

Update: 2022-05-17 12:37 GMT

हरियाणा में निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी करने वालों का इंतजार अब खत्म हो गया है। मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (punjab and haryana high court ) ने हरियाणा सरकार को एक बड़ी राहत देते हुए राज्य में नगर परिषद और पालिकाओं के चुनाव करवाने की इजाजत दे दी है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा पर आधारित बेंच ने कहा कि हम सरकार के आग्रह व सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यह चुनाव की इजाजत दे रहे है।

हरियाणा सरकार ने चुनाव के पक्ष में सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी पेश करते हुए कहा कि यह चुनाव टाले नहीं जा सकते। कोर्ट ने सरकार द्वारा पेश फैसले की कॉपी व सरकार की मांग पर चुनाव पर लगी रोक हटाते हुए चुनाव का रास्ता साफ कर दिया।। हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा नगरपालिका चुनावों में पिछड़ा वर्ग (बीसी) श्रेणी के लिए प्रधान पद को आरक्षित करने की नीति को बावल निवासी राम किशन द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

कोर्ट को बताया गया कि सरकार नियमों के विपरीत मनमाने ढंग से पिछड़ा वर्ग (बीसी) श्रेणी के लिए प्रधान पद को आरक्षित कर रही है। यह सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण मामले में दिए गए फैसले के खिलाफ है। कोर्ट से आग्रह किया किया गया कि कोर्ट हरियाणा नगरपालिका चुनाव (संशोधन) नियम, 2020 के नियम 70ए को रद करने का आदेश दे। इसी नियम के तहत स्थानीय निकाय में बीसी श्रेणी के लिए प्रधान पद आरक्षित किया गया। कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने बिना आधार बीसी श्रेणी के लिए प्रधान पद आरक्षित करने का निर्णय लिया है। आज से पहले कभी भी बीसी के लिए स्थानीय निकाय का प्रधान का पद आरक्षित नहीं किया गया था।


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