किसानों के लिए बागवानी बेहतर विकल्प, सरकार ने नुकसान के लिए लागू की ये योजना
योजना के तहत आलू, फूलगोभी , गाजर , मटर , टमाटर , प्याज , शिमला मिर्च , बैंगन , भिंडी , मिर्च , करेला , बंदगोभी , मूली , किन्नू , अमरूद , चीकू , आडू , आलू बुखारा , आम , नाशपाती , लीची , आंवला , बेर , लहसुन व हल्दी को सूचीबद्ध किया गया है।;
कैथल : उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बागवानी को प्रोत्साहित कर रही है। फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना लागू की है। इन योजनाओं के लागू होने से बागवानी की खेती करने वाले किसान जोखिम फ्री हो गए हैं। उपायुक्त ने बताया कि खेती की घटती जोत और ताजा फल सब्जियों की मांग को पूरा करने के लिए जिला के किसानों के लिए बागवानी बेहतर विकल्प है।
उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए कारगर योजना साबित हो रही है। यह योजना किसानों को सब्जियों व फलों के भाव से जोखिम मुक्त कर उन्हें फसल का उचित दाम दिलाने में कारगर साबित हो रही है।। योजना के तहत आलू, फूलगोभी , गाजर , मटर , टमाटर , प्याज , शिमला मिर्च , बैंगन , भिंडी , मिर्च , करेला , बंदगोभी , मूली , किन्नू , अमरूद , चीकू , आडू , आलू बुखारा , आम , नाशपाती , लीची , आंवला , बेर , लहसुन व हल्दी को सूचीबद्ध किया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि उपरोक्त सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए हैं । इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उत्पादन से पहले होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान उपरोक्त फसलों का बीमा भी करवा सकते हैं । इस योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण होना अनिवार्य है।योजना का उत्पादक का मेरी फसल मेरा ब्योरा पर लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में जिला बागवानी अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं ।