बागवानी विभाग ने सब्जी उत्पादक किसानों को चेताया : धुंध व कड़ाके की ठंड से टमाटर, आलू व बैंगन की फसल पर खतरा, बचाव के लिए यह करें ...
सब्जियों को पाले व सर्दी से बचाने के लिए समय-समय पर हल्की सिंचाई करें और खेत के चारों ओर धुंआ करें जिससे धरती का तापमान बढ़ेगा और यह सब्जी की फसलों के लिए लाभकारी है। रात के समय सब्जियों के पौधों को प्लास्टिक की पन्नियों से ढक दें।;
हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद
पिछले दो दिनों से क्षेत्र में पड़ रही धुंध व कड़ाके की सर्दी के कारण सब्जियों की फसल पर खतरा मंडरा गया है। तापमान के थोड़ा-सा ओर गिरते ही टमाटर, आलू, बैंगन व मिर्च की फसल नष्ट हो सकती है। हाल ही में बिजाई किए गए तरबूज व खरबूजा की फसल को भी इस मौसम से नुकसान बताया गया है। बागवानी विभाग ने इसको लेकर सब्जी उत्पादक किसानों को चेताया है।
फतेहाबाद जिला में करीब 3 हजार एकड़ भूमि पर टमाटर, 7 हजार एकड़ में आलू, 600 एकड़ में बैंगन व 500 एकड़ में मिर्च की फसल की बिजाई हुई है। इसके अलावा खरबूजा व तरबूज की भी करीब 200 एकड़ में बिजाई की गई है। पहले दिसम्बर माह में मौसम में ज्यादा गर्मी के कारण इसके पकने पर संकट मंडरा रहा था। अब एकाएक पड़ी धुंध व तापमान में आई गिरावट से सब्जियों की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। धुंध व सर्दी का मौसम दिसम्बर से लेकर जनवरी तक रहता है। कोहरा पड़ने पर सबसे पहले सब्जी वाली फसलों की पत्तियां प्रभावित होती हैं। इसके बाद टहनियां व बाद में पौधे पर लगी सब्जियों पर असर पड़ता है। ठंड बढ़ने पर इन सब्जियों के पौधे सूखने लगते हैं। पौधों पर पहले काला व भूरा दानेदार धब्बे बनते हैं। फिर उसी तरह सब्जियों के फलों पर छोटे धब्बे बनते हैं। खास बात यह है कि कोहरे का सब्जी की फसल पर असर तुरंत नहीं होता। एक सप्ताह बाद फसलों पर कोहरे के कारण दाग और धब्बे दिखाई देना शुरू होते हैं। इसलिए किसानों को चाहिए कि फसलों को बचाने के लिए समय रहते फंफूदनाशक रसायन का छिड़काव करें।
बता दें कि खरबूजा व तरबूज की बिजाई हाल ही में की गई है। जिले के एमपी रोही गांव में ताइवान की वैरायटी बॉबी खरबूजे का काफी उत्पादन होता है। इसकी बिजाई दिसम्बर में होती है और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में यह बाजार में आ जाता है। बिजाई के साथ ही तापमान में गिरावट से इसके उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है।
सब्जियों को बचाने के लिए खेत के चारों ओर करें धुंआ
सब्जियों को पाले व सर्दी से बचाने के लिए समय-समय पर हल्की सिंचाई करें और खेत के चारों ओर धुंआ करें जिससे धरती का तापमान बढ़ेगा और यह सब्जी की फसलों के लिए लाभकारी है। रात के समय सब्जियों के पौधों को प्लास्टिक की पन्नियों से ढक दें। इसके साथ ही सूक्ष्म तत्वों का किसान समय-समय पर छिड़काव करें। जिन किसानों की सब्जियों की पनीरी तैयार है, उन्हें ठंड से बचाने के लिए प्लास्टिक या पुराल से ढकें। सर्दी व पाले से बचाव के लिए जो किसान लो-टनल तकनीक का इस्तेमाल करता है, उनकी सब्जियों को कम नुकसान होता है।
क्या कहते हैं बागवानी के अधिकारी
बागवानी विभाग के अमरूद उत्कृष्टता केन्द्र भूना के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. अमरजीत कुण्डू ने बताया कि किसान सब्जी की फसलों में हल्की सिंचाई करें और खेत के आसपास धुंआ करें। रात के समय प्लास्टिक की पन्नी से फसलों को ढककर नुकसान से बचाया जा सकता है। बागवानी विकास अधिकारी डॉ. रवि कुमार गौतम ने बताया कि सरकार द्वारा हाईब्रिड वैजिटेबल कल्टीवेशन पर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी देती है। इसके अलावा लो-टनल पर किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी व मलचिंग पर 6400 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाती है।