राम रहीम को दोषी करार देने के बाद दंगों में कितना नुकसान हुआ ? हाईकोर्ट ने पंजाब व हरियाणा से मांगी जानकारी
बुधवार को जस्टिस एजी मसीह, जस्टिस ऋतू बहरी और जस्टिस तजिंदर सिंह ढींडसा की फुल बेंच ने यह जानकारी इन दंगों पर हाईकोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान पर सुनवाई करते हुए मांगी है।;
साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला की सीबीआई अदालत द्वारा 25 अगस्त 2017 को सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला सहित पूरे हरियाणा में हुए दंगों में कितना नुकसान हुआ है और नुकसान की भरपाई के लिए कितने क्लेम्स आए हैं, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अब इसकी पंजाब और हरियाणा से जानकारी मांग ली है।
बुधवार को जस्टिस एजी मसीह, जस्टिस ऋतू बहरी और जस्टिस तजिंदर सिंह ढींडसा की फुल बेंच ने यह जानकारी इन दंगों पर हाईकोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान पर सुनवाई करते हुए मांगी है। दो वर्षों बाद बुधवार को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो हाई कोर्ट ने कहा की पहले यह तय कर लिया जाए कि पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में हुए इन दंगों और तोड़फोड़ के दौरान कितनी सावर्जनिक और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई के लिए कितने क्लेम्स आये हैं और इन क्लेम्स के निपटारे के लिए ट्रिब्यूनल गठित किया जाना बेहद जरुरी है। ऐसे में पंजाब और हरियाणा इस ट्रिब्यूनल में किन न्यायिक अधिकारीयों को शामिल करना चाहती है। उनके नाम 1 जून को मामले की अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट में पेश करे और साथ ही संपत्ति को हुए नुकसान के लिए कितने क्लेम्स आये हैं वह बताए जाएं।
बता दें कि फरवरी 2020 में हुई अंतिम सुनवाई पर हाईकोर्ट ने साफ कर दिया था कि अब इस केस को और लम्बा नहीं खिंचा जाएगा। जल्द ही तय कर दिया जाएगा की इस पुरे घटनाक्रम में जो जान व माल का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा। इस मामले में हाईकोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता दंगों के दौरान डेरा समर्थकों द्वारा की गई तोड़फोड़ और आगजनी के लिए सरकार जिम्मेदार है। वहीं डेरा सच्चा-सौदा का कहना था कि इस दौरान हुए दंगों और तोड़फोड़ की भरपाई डेरे से नहीं की जा सकती क्योंकि इसमें डेरे का कोई दोष नहीं है, वैसे भी सुप्रीम कोर्ट अपने एक फैसले में यह तय कर चुका है कि ऐसे मामले में नुकसान के आंकलन के लिए एक कमेटी गठित की जा सकती है। वह पूरा आंकलन कर उसकी भरपाई कर सकती है।