हाईकोर्ट के आदेश पर हरियाणा के इस गांव में सैंकड़ों मकानों पर चलेगा बुलडोजर, चस्पाए नोटिस

खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा ग्रामीणों के घरों के बाहर चस्पाए गए नोटिस के बाद ग्रामीणों में खौफ का माहौल है। नोटिस के जरिए जिन मकानों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं वे 60 से 70 साल पहले बने थे।;

Update: 2022-09-22 12:19 GMT

घरौंडा ( करनाल )

हाईकोर्ट के आदेश पर करनाल के खोरखेड़ी गांव में प्रशासन की ओर से सैंकड़ों मकानों को ध्वस्त किया जाएगा। मकानों को गिराने की कार्यवाही गुरुवार को नहीं हो पाई है। प्रशासन ने कब्जा कार्यवाही को फिलहाल रोक दिया है। प्रशासन ने लोगों से जमीन के दस्तावेज एकत्रित कर दिखाने को कहा है। कब्जा कार्यवाही न होने से ग्रामीणों ने फिलहाल राहत की सांस ली है।

बता दें कि खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा ग्रामीणों के घरों के बाहर चस्पाए गए नोटिस के बाद ग्रामीणों में खौफ का माहौल है। नोटिस के जरिए जिन मकानों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं वे 60 से 70 साल पहले बने थे। ग्रामीणों का कहना है कि अब इस जमीन को पंचायती भूमि बताया गया है और उनके घरों को तोड़ने का अल्टीमेटम जारी कर दिया। हालांकि ग्रामीणों ने किसी भी सूरत में अपने घर खाली नहीं करने की बात कही है। खोरा खेड़ी गांव में करीब 100 मकानों के बाहर खंड विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा नोटिस चस्पाए गए हैं। इन नोटिस के माध्यम से सैकड़ों परिवारों को अपने घर खाली करने और उनका मलबा हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

वहीं ग्रामीणों को सभी मकान हटाने के लिए 22 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया था। प्रशासन द्वारा दिए गए नोटिस के बाद सैकड़ों परिवारों में हड़कंप की स्थिति है । ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन को अब पंचायती बताया जा रहा है। उनके बाप दादा ने साठ सत्तर साल पहले यहां मकान बनाए थे और अब अचानक उनके घर गिराने के आदेश जारी कर दिए। अपने आशियाने उजड़ने के डर से गांव में पिछले कई दिनों से ग्रामीणों के बीच डर और तनाव का माहौल था।

कल बुधवार को गांव के लोगों ने अन्य गांव से आए ग्रामीणों के सहयोग से ये एलान कर दिया था कि कल प्रशासन को अपने आशियाने नहीं तोड़ने देंगे चाहे उन्हें किसी भी हद तक गुजरना क्यों न पड़े। इसको लेकर पूरी रात गांव में बैठकों का दौर चलता रहा था। वीरवार को सुबह होते ही बड़ी मात्रा में किसान यूनियन समेत पीड़ित ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के इलाके से अन्य लोग बड़ी मात्रा में खोरा खेड़ी में एकत्रित होने शुरू हो गए। ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ काफी देर तक नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया। गांव में भारी तनाव की स्थिति को भांपते हुए जिला प्रशासन ने सुबह ही गांव के मौजिज आदमियों की एक कमेटी को करनाल बुला लिया।

पूरे गांव में हड़कंप की स्थिति

इस पूरे मामले की पैरवी कर रहे गांव के पूर्व सरपंच रंजीत कश्यप ने बताया कि गांव में जिस प्रकार से प्रशासन ने मकानों को खली करने का नोटिस दे दिया था। उसके बाद से ही पूरे गांव में हड़कंप की स्थिति बनी हुई थी। गांव बार बार सरकार से उनके आशियाने न उजाड़ने की अपील कर रहा है। कल आस पास के गांव से भी सैंकड़ो लोगों का सहयोग पीड़ित परिवारों को मिला था और आश्वस्त किया था कि उनके साथ नाजायज नहीं होने देंगे। जिसको लेकर आज सुबह ही जिला प्रशासन ने गांव के कुछ मौजिज लोगों को बातचीत करने के लिए करनाल बुला लिया था। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के साथ हुई बातचीत में प्रशासन ने फिलहाल कब्जा कार्यवाही को रोक देने की बात कही है। साथ ही इस जमीन पर बैठे ग्रामीणों को अपने अपने दस्तावेज प्रशासन को दिखने की बात कही है। फिलहाल कब्जा कार्यवाही न होने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

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