मैं जिंदा हूं : रोहतक में निकली बुजुर्ग की बारात, रथ पर सवार होकर रेस्ट हाउस पहुंचे 102 साल के दुलीचंद
बुजुर्ग दुलीचंद की आखरी पेंशन 2 मार्च को आई थी। तब से उनकी पेंशन बंद है। वे खुद को जिंदा साबित करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।;
रोहतक जिले के गांव गांधरा निवासी 102 साल के दुलीचंद को कागजों में मृतक घोषित कर पेंशन बंद करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। गुरुवार को पीड़ित बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए रथ पर सवार होकर रेस्ट पहुंच गए। इस दौरान उनके साथ नवीन जयहिन्द भी थे ।
बुजुर्ग दुलीचंद ने बताया कि मेरी उम्र 102 साल है। लेकिन समाज कल्याण विभाग ने मुझे मरा हुआ बताकर मेरी सामाजिक सुरक्षा पेंशन बंद कर दी। दुलीचंद ने कहा कि पेंशन दोबारा से शुरू करवाने के लिए कई दिन से समाज कल्याण विभाग के चक्कर लगा रहा है। लेकिन कोई भी सुनता नहीं है। इन्होंने बताया कि ऑफिसर एक दूसरे के आफिस भेज रहे हैं। अधिकारी कहते है की जिंदा होने का कोई कागज तो दिखाओ।
वहीं रेस्ट हाउस पहुंचे दुलीचंद को पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो जाएगा और कागजों में मृतक घोषित करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं पूर्व मंत्री ने पेंशन बंद करने के मामले में जांच का आदेश दिया है। बुजुर्ग दुलीचंद की आखरी पेंशन 2 मार्च को आई थी, तब से उनकी पेंशन बंद है। तब से वे खुद को जिंदा साबित करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
बता दें कि बीते बुधवार रोहतक में प्रेसवार्ता करते हुए नवीन जयहिन्द ने बुढ़ापा पेंशन की बात करते हुए एक अजब-गजब मुद्दा उजागर किया था। जयहिन्द ने गांव गांधरा, रोहतक निवासी दुलीचंद जिनकी उम्र 102 साल है उनको हरियाणा सरकार द्वारा मृत घोषित किया गया व उनकी बुढ़ापा पेंशन काटने के मामले को लेकर एक बार फिर सरकार को घेरा था। नवीन जयहिन्द ने बताया कि हमारे हरियाणा में इतनी बड़ी उम्र के बुजुर्ग काफी कम बचे हुए हैं। इनको तो हमारे हरियाणा में ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहिए। साथ ही जयहिन्द ने बुजुर्ग दुलीचंद के आधार कार्ड, पेन कार्ड, फैमिली आईडी और उनकी बैंक स्टेटमेंट दिखाते हुए सरकार और मुख्यमंत्री खट्टर से पूछा कि सरकार के पास इन बुजुर्गों की पेंशन देने के लिए पैसे नहीं हैं क्या जो इस तरीके से उन्हें मृत दिखाकर उनकी पेंशन बन्द कर रही है। अगर पैसे नहीं हैं तो सरकार कटोरा उठाकर हरियाणावासियों से पैसे मांग ले।