शरीर में डाले गए इंप्लांट से कर लेते हैं अज्ञात शव की पहचान, आगे पढ़ें
इंडो-पेसिफिक एकेडमी ऑफ फोरेंसिक ओडोंटोलोजी 2022 की आठवीं अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस 25 से 27 मई तक चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में हुई थी। डॉ. धत्तरवाल ने पेपर में बताया कि किस प्रकार अज्ञात व्यक्ति की पहचान पोस्टमार्टम के दौरान उसके शरीर में डले इंप्लांट से की।;
हरिभूिम न्यूज : रोहतक
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के फोरेंसिक मेडिसन विभागाध्यक्ष डॉ. एसके धत्तरवाल और प्रो. जितेंद्र जाखड़ को अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में पेपर प्रस्तुतिकरण श्रेणी में द्वितीय व तृतीय अवार्ड से नवाजा गया है। गृह मंत्रालय में डायरेक्टरेट ऑफ फोरेंसिक साइंस सर्विसेज के निदेशक कम चीफ फोरेंसिक साइंटिस्ट डॉ. एसके जैन ने उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इंडो-पेसिफिक एकेडमी ऑफ फोरेंसिक ओडोंटोलोजी 2022 की आठवीं अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस 25 से 27 मई तक चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में हुई थी। डॉ. धत्तरवाल ने पेपर में बताया कि किस प्रकार अज्ञात व्यक्ति की पहचान पोस्टमार्टम के दौरान उसके शरीर में डले इंप्लांट से की। इंप्लांट के माध्यम से कई अज्ञात व्यक्ति की पहचान हो पाई। प्रस्तुतिकरण को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बोन के बीच सूचर पैदा होने से उलझन
डॉ. जितेंद्र जाखड़ ने 'ए ह्यूमन स्कल विद इंजरी ओवर दा वरटैक्स एंड काएक्जिटेंस ऑफ इनका बॉन ऑन दा सेम साइट' विषय पर पेपर प्रस्तुत किया था। इस पेपर के माध्यम से बताया गया कि इनका बोन और स्कल बोन के बीच सूचर पैदा हो जाते हैं, ऐसे में कई बार नए रेडियोलोजिस्टर व फोरेंसिक के चिकित्सक को उलझन हो जाती है कि यह इनका बोन है या फ्रैक्चर। डॉ. जितेंद्र जाखड़ के पेपर को तृतीय अवार्ड से नवाजा गया।
अब तक 163 पब्लिकेशन
मेरे अभी तक 163 पब्लिकेशन हैं, जिसमें 65 अंतरराष्ट्रीय हैं। वहीं उन्होंने 142 पेपर भी प्रस्तुत किए हैं। अभी तक 96 राष्ट्रीय और 6 अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस भी अटेंड कर चुके हैं। 20 जून को हरियाणा पुलिस एकेडमी में डूबने और घला घोटने से हुई मौतों पर भी विस्तार से व्याख्यान दिया था। -डॉ. एसके धत्तरवाल, विभागाध्यक्ष फोरेंसिक मेडिसन।
300 प्रतिभागी आए
डॉ. एसके धत्तरवाल ने बताया कि कांफ्रेंस में देश-विदेश से करीब 300 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था और करीब 150 पेपर प्रस्तुत किए गए। डॉ. धत्तरवाल, डॉ. जितेंद्र जाखड़ व डॉ. पंकज छिक्कारा ने कई सेशन को-चेयर किए। डॉ. धत्तरवाल ने 'एजिज सर्जिकल इंप्लांट ऑन बोनी रिमेंस फोस्टरर्स आइडेंटिफिकेशन' विषय पर ओरल प्रस्तुतिकरण किया।