अब कुरुक्षेत्र में करें श्रीकृष्ण के विराट रूप के दर्शन, 40 फीट ऊंची और इतने टन वजनी प्रतिमा स्थापित, और भी हैं कई खासियत

प्रतिमा के भारी भरकम हिस्सों को क्रेन की मदद से एक दूसरे के ऊपर जोड़ा गया। यह प्रतिमा विश्व विख्यात मूर्तिकार राम सुतार और उनके पुत्र अनिल सुतार ने 80 कारीगरों की मदद से एक साल में तैयार की है।;

Update: 2021-11-30 10:46 GMT

तरूण वधवा : कुरुक्षेत्र

गीता उपदेश स्थली ज्योतिसर तीर्थ ( Jyotisar ) पर भगवान श्रीकृष्ण ( Lord Krishna ) के विराट स्वरूप की भव्य प्रतिमा ( giant statue ) को स्थापित कर दिया गया है। विश्व को कर्म का संदेश देने वाली गीता जी की जन्मस्थली ज्योतिसर में स्थापित किए गए इस विशाल स्वरूप की कीमत करीब 10 करोड़ है। भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को उत्तर प्रदेश के नोएडा ( Noida ) से ट्रक ट्रालों की मदद से लाया गया था। इस विशालकाय विराट स्वरूप के केवल चेहरे का वजन 6 टन से ज्यादा है।

प्रतिमा के भारी भरकम हिस्सों को क्रेन की मदद से एक दूसरे के ऊपर जोड़ा गया। यह प्रतिमा विश्व विख्यात मूर्तिकार राम सुतार और उनके पुत्र अनिल सुतार ने 80 कारीगरों की मदद से एक साल में तैयार की है। करीब 35 टन के विराट स्वरूप में 9 चेहरे हैं, इनमें योगेश्वर कृष्ण के अलावा श्री गणेश, ब्रह्मा जी, शिव, भगवान विष्णु का नरसिंह रूप, हनुमान जी, भगवान परशुराम, एग्रीव और अग्नि देव और पांवों से लेकर मूर्ति से लिपटे सिर के ऊपर छांव करते शेषनाग के दर्शन हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव ( International Gita Festival ) में देश विदेश से कुरुक्षेत्र पहुंचने वाले लोगों के अलावा साल भर कुरुक्षेत्र आने वाले तीर्थ यात्रियों और सैलानियों के लिए अब कुरुक्षेत्र में यह नया आकर्षण होगा।

80 कारीगरों ने एक साल में तैयार किया विराट स्वरूप

पूर्ण विराट स्वरूप की ऊंचाई 40 फीट से ज्यादा है, जो 10 फुट ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित किया गया है। विराट स्वरूप चार धातुओं से मिलकर बना है, जबकि 85 प्रतिशत तांबा और 15 प्रतिशत अन्य तीन धातुओं का इस्तेमाल हुआ है। इस मूर्ति को नोएडा स्थित वर्कशाप में करीब एक वर्ष में 80 कारीगरों की मदद से तैयार किया गया है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ( Kurukshetra Development Board ) के सीईओ अनुभव मेहता ने कहा कि फिलहाल विराट स्वरूप के आसपास कई कार्य होंगे। फिलहाल तो स्वरूप को सिर्फ खड़ा ही किया गया है।

प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री ने वर्ष 2017 में दी थी हरी झंडी

श्रीकृष्ण भगवान ने महाभारत में ज्योतिसर की धरती पर अर्जुन को गीता का संदेश दिया था। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने कृष्णा सर्किट के अंतर्गत स्थल को पर्यटन की नजर से नए रुप में स्थापित करने का फैसला लिया था। श्री कृष्ण का विराट स्वरूप लगाने का फैसला वर्ष 2006 में लिया गया था और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ( Cm Manohar lal ) ने वर्ष 2017 में इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी। मूर्ति पवित्र ज्योतिसर स्थली पर लाइट एंड साउंड शो के ठीक सामने पूर्व-दक्षिण दिशा की तरफ मुख कर लगाई गई है।

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