हरियाणा : यमुनानगर की प्लाइवुड फैक्ट्रियों में इनकम टैक्स की रेड, तीन गाड़ियों में पहुंचे अधिकारी, जानिये क्या- क्या लिया कब्जे में
चंडीगढ़ व लुधियाना से इंकम टैक्स विभाग के अधिकारी तीन गाड़ियों में सवार होकर अचानक यमुनानगर शहर में स्थित अलग-अलग प्लाइवुड फैक्ट्रियों में पहुंच गए। समाचार लिखे जाने तक प्लाइवुड उद्योग में इंकम टैक्स की टीमें जांच करने में लगी हैं। अभी तक फैक्ट्रियों से किसी भी कर्मचारी को बाहर नहीं निकलने दिया गया।;
हरिभूमि न्यूज. यमुनानगर
इनकम टैक्स विभाग की टीम ने मंगलवार को यमुनानगर स्थित करीब आधा दर्जन प्लाइवुड फैक्ट्रियों (Plywood Factory) में छापामारी कर जांच की। इस दौरान टीम ने कुछ फैक्ट्रियों से दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं। इनकम टैक्स विभाग की रेड पड़ने से उद्योगपतियों में हड़कंप मच गया। प्लाइवुड उद्योग संचालकों ने कोविड संकट के चलते उद्योगों में इस प्रकार की रेड करने के कदम को गलत बताया है।
मंगलवार को चंडीगढ़ व लुधियाना से इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी तीन गाड़ियों में सवार होकर अचानक यमुनानगर शहर में स्थित अलग-अलग प्लाइवुड फैक्ट्रियों में पहुंच गए। इनकम टैक्स की अचानक पड़ी रेड़ की सूचना मिलते ही प्लाइवुड उद्योग संचालकों में हड़कंप मच गया। खास बात यह रही कि इनकम टैक्स की टीमों ने एक साथ अलग-अलग करीब आधा दर्जन फैक्ट्रियों में पहुंचकर रेड की। इस दौरान प्लाइवुड फैक्ट्रियों के बाहर इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों की गाड़ियां देर शाम तक खड़ी रही और अधिकारी भीतर जांच करते रहे। इस दौरान फैक्ट्रियों में किसी को भी भीतर जाने और बाहर निकलने नहीं दिया गया। टीमों द्वारा सुबह से ही फैक्ट्रियों के गेट बंद करवाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो रेड के दौरान कुछ फैक्ट्रियों से इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने कुछ दस्तावेज और कंप्यूटर भी अपने कब्जे में लिए हैं। आलम यह है कि सुबह से लेकर अब समाचार लिखे जाने तक प्लाइवुड उद्योग में इनकम टैक्स की टीमें जांच करने में लगी हैं। अभी तक फैक्ट्रियों से किसी भी कर्मचारी को बाहर नहीं निकलने दिया गया।
कोविड संकट में पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा उद्योग
प्लाइवुड एंड मैन्यूफैक्चिरिंग एसोसिएशन के प्रधान जेके बियानी ने बताया कि प्लाइवुड उद्योग पहले से ही कोविड संकट के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे संकट के समय उद्योगों में रेड करना उचित नहीं है। क्योंकि प्लाइवुड उद्योग संचालक पहले ही किसी तरह अपने उद्योग को बचाने में संघर्ष कर रहे हैं। इस प्रकार की कार्रवाई उद्योगों के लिए ठीक नहीं है।