3 साल पहले की थी इंटरकास्ट मैरिज, अब चरखी दादरी जिले की सबसे युवा पार्षद बनी निशा
चरखी दादरी में दो ऐसी महिला प्रत्याशी शामिल हैं जिन्होंने अनुसूचित वर्ग से होते हुए सामान्य वर्ग के पुरूषों से अंतरजातीय विवाह किया और न केवल चुनावी मैदान में उतरी बल्कि मतदाताओं ने उनके सिर पर जीत का सेहरा भी बांधा है।;
संदीप श्योराण : बाढड़ा ( चरखी दादरी )
करीब डेढ दशक पहले तक जहां समाज में इंटरकास्ट मैरिज करना अपराध के समान समझा जाता था लेकिन समय के बदलाव के साथ लोगों की मानसिकता में भी परिवर्तन हो चुका है। अब न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी समाज के लोग अंतरजातीय विवाह को स्वीकार करने लगे हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण मौजूदा पंचायत चुनाव हैं जिसमें चरखी दादरी जिले में दो ऐसी महिला प्रत्याशी शामिल हैं जिन्होंने अनुसूचित वर्ग से होते हुए सामान्य वर्ग के पुरूषों से अंतरजातीय विवाह किया और न केवल चुनावी मैदान में उतरी बल्कि मतदाताओं ने उनके सिर पर जीत का सेहरा भी बांधा है।
हरियाणा पंचायती राज के अंतर्गत तीन चरणों में हुए चुनाव 2022 के सभी नतीजे घोषित हो चुके हैं। हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में जीत के छोटे व बड़े अंतर के अलावा दूसरी कई रोचक बातें भी सामने आई हैं जो शायद पूर्व में हुए पंचायत चुनाव में कम ही देखने को मिली हैं। इनमें सबसे अधिक चर्चा में इंटरकास्ट मैरिज करने वाली विजेता प्रत्याशी हैं। चरखी दादरी जिले के झोझू झंड में भी अंतरजातीय विवाह करने वाली महिला ने न केवल जीत हासिल की है बल्कि जिले में सबसे युवा 23 साल की उम्र में पार्षद बनने का गौरव हासिल किया है। 27 नवंबर को चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद से वार्ड दस से जीत हासिल करने वाली निशा क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
तीन साल पहले अनुसूचित वर्ग से संबंध रखने वाली निशा ने झोझू कलां निवासी सुरेंद्र सांगवान से अंतरजातीय विवाह किया था। शादी के समय निशा व सुरेंद्र के परिजन खुश थे, इसके विपरित आस-पड़ौस में कुछ लोगों द्वारा इस अंतरजातीय विवाह को लेकर उंगली उठाई गई लेकिन समय के साथ सब सामान्य हो गया। शादी के समय सुरेंद्र ने सपने भी नहीं सोचा था कि जिस निशा के अनुसूचित वर्ग से होने के कारण लोग उसकी शादी को लेकर पीठ पीछे उसकी चर्चा कर रहे हैं। वहीं निशा तीन साल बाद ही एक-दो नहीं बल्कि 18 गांवों का प्रतिनिधित्व करेगी। निशा ने अपने वार्ड से जीत हासिल करने के साथ ही चरखी दादरी जिले से सबसे कम उम्र का पार्षद बनने का भी गौरव प्राप्त किया है। आठ अक्टूबर 1999 को जन्मी रेखा महज 23 साल एक महीने की उम्र में पार्षद बनी है।
पहले नहीं लड़ा कोई चुनाव
वार्ड दस से नवनियुक्त पार्षद निशा के देवर अमित सांगवान ने बताया कि इससे पहले उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा कोई चुनाव नहीं लड़ा गया है और ना ही वे किसी राजनीतिक पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं। ये उनके परिवार की ओर से पहला चुनाव था जिसमें क्षेत्र के भाईचारे ने उनका सहयोग कर वोट रुपी आशीर्वाद देकर उनकी भाभी निशा को पार्षद बनाने का काम किया है।
539 मतों से की जीत हासिल
चरखी दादरी जिले में जिला पार्षद के कुल 11 वार्ड हैं जिसमें वार्ड नंबर दस झोझू खंड के अंतर्गत आता है। वार्ड दस में पार्षद पद अनूसूचित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया था। जिसके लिए छह महिलाओं ने चुनावी मैदान में उतकर अपनी किस्मत आजमाई। जिसमें स्नातक पढ़ी निशा कुमारी ने वार्ड दस के अंतर्गत आने वाले 18 गांवों से कुल 7768 मत हासिल हुए और उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी रामोतारी पर 539 मतों से जीत हासिल की।
इंटरकास्ट मैरिज करने वाली महिला सरपंच भी चुनी गई
पंचायत चुनाव के दौरान चरखी दादरी जिला परिषद के वार्ड दस में अंतरजातीय विवाह करने वाली निशा ने जीत हासिल की है। वहीं जिले के गांव ढाणी फौगाट निवासी 22 वर्षीय डिंपल ने अनूसूचित वर्ग महिला की रिजर्व सीट पर जीत प्राप्त कर सरपंच बनी हैं। डिंपल ने गांव ढाणी फौगाट निवासी युवक से अंतरजातीय विवाह किया है।