International Gita Mahotsav 2023 : पैचवर्क और एम्ब्रोडरी से 20 परिवारों को आत्मनिर्भर बना रही है शिल्पकार रीटा शर्मा
शिल्पकार रीटा शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में स्टॉल नंबर 12 पर पैच वर्क और एम्ब्रोडरी की चादरे व अन्य सामान रखा है। इस महोत्सव में पिछले 6 वर्षों से आ रही है और इस महोत्सव से उनका विशेष लगाव रहा है।;
कुरुक्षेत्र। उत्तराखंड देहरादून की शिल्पकार रीटा शर्मा स्वयं आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ अपने साथ 20 परिवारों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही है। यह शिल्पकार पैच वर्क और एम्ब्रोडरी का कार्य बखूबी कर रही है और एक से एक सुंदर चादर तैयार करती है। अगर शिल्पकार की माने तो पैच वर्क और एम्ब्रोडरी की एक चादर को तैयार करने में एक महिला को 20 दिन का समय लग जाता है। इस महोत्सव में चादर पर कान्हा की कढ़ाई और पैचवर्क का कार्य पर्यटकों के लिए लेकर आई है।
शिल्पकार रीटा शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में स्टॉल नंबर 12 पर पैच वर्क और एम्ब्रोडरी की चादरे व अन्य सामान रखा है। इस महोत्सव में पिछले 6 वर्षों से आ रही है और इस महोत्सव से उनका विशेष लगाव रहा है। उन्होंने बातचीत करते हुए कहा कि इस महोत्सव के लिए चादर पर कान्हा की सीनरी तैयार की है, इस सीनरी को पैचवर्क व एम्ब्रोडरी से तैयार किया गया है। यह सारा कार्य हाथ से किया गया है, अगर एक महिला एक चादर पर कार्य करें तो पूरे 20 दिन में एक चादर तैयार होती है। इसलिए हाथ से बनी यह चादरे और अन्य उत्पाद पर्यटकों के लिए खास माना जाता है। इस महोत्सव में उनके पास 100 रुपए से लेकर 40 हजार रुपये तक का सामान रखा है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अलावा वे किसी अन्य महोत्सव में शिरकत नहीं करती, इसलिए यह महोत्सव उनके लिए खास रहता है। इसलिए कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर बार-बार आने का मन करता है। यहां पर प्रशासन की तरफ से व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं छोड़ी जाती है, लेकिन फिर भी सुधार की कुछ गुंजाईश रहती है। शिल्पकार का कहना है कि उनका देहरादून में सारा कार्य रहता है और विभिन्न परिवारों से 20 महिलाएं साथ जुड़ी है और प्रत्येक महिला की औसतन आय 10 से 15 हजार के बीच रहती है। सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित करती है।
लैदर के पर्स और महिलाओं के हैंडबैग महोत्सव में बने आकर्षण का केंद्र
झारखंड से शिल्पकार अशोक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में महिलाओं के लिए लैदर से बने हैंडबैग और पुरुषों के लिए पर्स तैयार करके लाए है, यह पर्स और हैंडबैग महोत्सव में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बने हुए है। अहम पहलू यह है कि प्योर लैदर के पर्स के दाम 900 रुपये और लेडीस हैंडबैग की कीमत 2200 रुपये रखी गई है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में झारखंड के शिल्पकार अशोक ने स्टॉल नंबर 22 पर महिलाओं और पुरुषों के लिए लेदर के उत्पाद रखे है। शिल्पकार अशोक ने बातचीत करते हुए कहा कि पिछले 5 सालों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आ रहे है। इस महोत्सव में आने का उत्साह और आनंद देश के अन्य मेलों से कुछ अलग ही रहता है, यहां की व्यवस्था और स्वच्छता सभी से एकदम अलग है। इसलिए इस पावन धरा पर हमेशा आने का मन रहता है। उन्होंने कहा कि महोत्सव में पर्स, बेल्ट, बैग, हैंडबैग सहित अन्य उत्पाद तैयार करके लाए है। इन उत्पादों की कीमत 300 रुपए से लेकर 3 हजार रुपए रखे गए है। लेकिन प्योर लैदर वाले पर्स, बेल्ट के दाम कुछ ज्यादा है।