अब दो साल से दाखिला नहीं होने वाले आईटीआई के कोर्स होंगे बंद, ITI संचालकों में मचा हड़कंप

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार की ओर से देश के सभी आईटीआई मुखियाओं को पत्र जारी कर आदेश दिए गए हैं कि जिस भी सरकारी या प्राइवेट आईटीआई में चलाए जा रहे किसी भी कोर्स में यदि 2 साल से कोई भी दाखिला नहीं हुआ है तो उन कोर्सों को प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा डि-एफिलिएट कर दिया जाएगा।;

Update: 2023-07-05 06:51 GMT

नरेश पंवार. कैथल । अब देश भर में चलाए जा रहे राजकीय और प्राइवेट आईटीआई में खाली सीट रहने वाले कोर्सों पर प्रशिक्षण महानिदेशालय भारत सरकार की निगाह टेडी हो गई है। महानिदेशालय ने ऐसे कोर्सों को डि-एफिलिएट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस श्रेणी में देश में चलाए जा रहे राजकीय और प्राइवेट आईटीआई के हजारों व्यवसाय यूनिट शामिल होंगे। निदेशालय के इन आदेशों से सरकारी व प्राइवेट आईटीआई संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार की ओर से देश के सभी आईटीआई मुखियाओं को पत्र जारी कर आदेश दिए गए हैं कि जिस भी सरकारी या प्राइवेट आईटीआई में चलाए जा रहे किसी भी कोर्स में यदि 2 साल से कोई भी दाखिला नहीं हुआ है तो उन कोर्सों को प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा डि-एफिलिएट कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रदेश के सरकारी व प्राइवेट आईटीआई में इस प्रकार से सैकड़ों कोर्स चलाए जा रहे थे जिनमें पिछले दो सालों से दाखिला नहीं हुआ। बाद में दो या तीन साल बाद विद्यार्थियों द्वारा दाखिला लिए जाने पर इन कोर्सों को पुन: चला दिया जाता था। इसका फायदा अधिकतर प्राइवेट आईटीआई संचालक उठा रहे थे। वे जब चाहे कोर्स में दाखिला करते थे तथा जब चाहे नहीं करते थे लेकिन अब विभाग के इन आदेशों से आईटीआई मुखियाओं की मनमानी पर रोक लगेगी तथा दो साल तक दाखिला न होने वाले कोर्सों को डि-एफिलिएट कर दिया जाएगा। ऐसे कोर्सों को पुन: एफिलिएट करवाने के लिए अधिकारियों को खूब पसीना बहाना पड़ता है।

आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा देश भर में 14955 राजकीय और प्राइवेट आईटीआई चलाए जा रहे हैं। इन आईटीआई में प्रतिवर्ष 2195216 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है तथा करीब 630534 विद्यार्थियों को अप्रैंटिस प्रशिक्षण भी दिलाया जाता है। कौशल विकास एवं उद्योग प्रशिक्षण विभाग हरियाणा द्वारा प्रदेश में 193 राजकीय और 200 प्राइवेट आईटीआई चलाए जा रहे हैं। राजकीय आईटीआई में 61028 और प्राइवेट आईटीआई में 27028 सीटें पर विद्यार्थियों को दाखिला दिया जाता है। इस समय आईटीआई में दाखिला प्रक्रिया भी जारी है।

दाखिला के लिए फिर से करवाना होगा एफिलिएट

निदेशालय द्वारा जारी आदेशों में जारी पत्र में स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि यदि डि-एफिलिएड कोर्स को फिर से एक्टिव करना है तो इसके लिए उसकी नियमानुसार फिर से एफिलिएट करवाया जाएगा जिसके लिए एनसीवीटी व निदेशालय की संयुक्त कमेटी निरीक्षण कर फैसला लेगी।

सभी मुखियाओं से मांगी रिपोर्ट

महानिदेशालय द्वारा अपनी प्रक्रिया के अनुसार पत्र जारी कर सभी राजकीय और प्राइवेट आईटीआई के सभी मुखियाओं से 3 जुलाई तक रिपोर्ट आदेश दिए गए थे कि इसे लेकर कोई भी अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है।

यूं होता है कोर्स एफिलिएट

आईटीआई के जानकारों ने बताया कि यदि सरकारी या प्राइवेट आईटीआई किसी भी कोर्स को डीजीटी से एफिलिएट करवाना चाहता है तो इसके लिए उसे विभाग द्वारा निर्धारित पोर्टल पर कोर्स से संबंधित सभी प्रकार की सूचनाएं ऑनलाइन अपलोड करवानी होती हैं। इसमें संस्थान का नाम, भवन, बिजली लोड, कोर्स से संबंधित टूल मशीनरी, इक्विपमेंट, फर्नीचर, विद्यार्थियों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ स्टाफ की पूर्ण जानकारी अपलोड करनी होती है। इसके उपरांत भारत सरकार और कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के निदेशालय की टीम द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया जाता है। टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही संबंधित कोर्स को एफिलिएट करने की अनुमति दी जाती है।

आईटीआई के जिला नोडल अधिकारी सतीश मच्छाल ने बताया कि निदेशालय द्वारा सूचना मांगी गई थी। कैथल की आईटीआई में इस श्रेणी के तहत कोई भी कोर्स नहीं आता। सभी कोर्सों में विद्यार्थियों द्वारा बढ़-चढ़कर दाखिला लिया जा रहा है।

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