हरियाणा की जेलों का होगा अपना जेल रेडियो, रिपोर्टर से लेकर रेडियो जॉकी तक सभी होंगे कैदी

अंबाला सेंट्रल जेल के जेल सुप्रीटेंडेंट लखबीर सिंह बराड़ ने बताया कि जेल रेडियो की शरुआत सेंट्रल जेल अंबाला, जिला जेल पानीपत और जिला जेल फरीदाबाद से की जाएगी। दिसंबर में ऑडिशन के बाद इन तीनों जेलों के 21 बंदियों का जेल रेडियो के लिए चयन हुआ था।;

Update: 2021-01-01 06:56 GMT

धर्मवीर.अंबाला

हरियाणा की जेलों का अब अपना रेडियो होगा और रिपोर्टर से लेकर रेडियो जॉकी तक सभी होंगे जेलों में बंद कैदी। हरियाणा की अंबाला,पानीपत व फरीदाबाद जेलों से अब टीजेआर यानी तिनका जेल रेडियो का प्रसारण होगा। हरियाणा में कुल 19 जेलें हैं, जिनमें से 3 सेंट्रल जबकि 16 जिला जेल हैं। फिलहाल हरियाणा की जेलों में कुल 20,423 बंदी हैं जिनमें 900 से अधिक महिला बंदी शामिल हैं।

अंबाला सेंट्रल जेल के जेल सुप्रीटेंडेंट लखबीर सिंह बराड़ ने बताया कि जेल रेडियो की शरुआत सेंट्रल जेल अंबाला, जिला जेल पानीपत और जिला जेल फरीदाबाद से की जाएगी। दिसंबर में ऑडिशन के बाद इन तीनों जेलों के 21 बंदियों का जेल रेडियो के लिए चयन हुआ था। इनमें पानीपत के 6, अंबाला के 6 और फरीबद जेल के 10 बंदी थे। इन 22 बंदियों में फरीदाबाद जेल की 5 महिला बंदी भी शामिल हैं। यह ट्रेनिंग तिनका तिनका की संस्थापक डॉ. वर्तिका नन्दा ने दी है। इन तीनों जेल के चयनित बंदी 5 दिवसीय रेडियो ट्रेनिंग का हिस्सा बने । सभी बंदी अलग-अलग उम्र, शैक्षिक पृष्ठभूमि से हैं। ट्रेनिंग का मकसद इन बंदियों को रेडियो की जरूरत और उसके महत्व को समझाते हुए रेडियो के मुताबिक कार्यक्रम बनाने के लिए तैयार करना था। पांच दिवसीय ट्रेनिंग का समापन समारोह फरीदाबाद की जेल में किया गया। इस दौरान हरियाणा जेल के महानिदेशक के. सेल्वाराज व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस मौके पर सभी प्रतिभागी बंदियों को सर्टिफिकेट भी सौंपे गए। इस प्रोजेक्ट के तहत जेल परिसर में रेडियो स्टेशन स्थापित किया जाएगा। बाहर के लोग इससे नहीं जुड़ सकेंगे।

ऐसे होंगे कार्यक्रम पेश-बैरक के बाहर लगे स्पीकर के जरिए सभी रेडियो को सुन सकेंगे। इसमें रोजाना एक घंटे का कार्यक्रम होगा, जिसमें कानून, सेहत और संगीत से जुड़े कार्यक्रम होंगे। बंदी अपनी कविताएं और कहानियां भी सुनाएंगे। बंदी अपनी फरमाइश या सवाल लिखकर दे सकेंगे जिसका जवाब अगले कार्यक्रम में दिया जाएगा। जेल में रेडियो के जरिए बंदी अपनी प्रतिभा को तराशेंगे। जेल में कलाकारों की लिस्ट तैयार की जा रही है जोकि जेल रेडियो में अपनी भागीदारी करेंगे। खास बात यह है कि तीनों जेल के बंदियों ने ही परिचयगान और धुन तैयार की है। जेल के सीमित संसाधनों में उन्होंने इस ऐतिहासिक कदम को संगीतबद्ध किया है।

संवाद का जरिया बनेगा रेडियो-हरियाणा जेल के महानिदेशक के. सेल्वाराज ने कहा कि यह जेलें बहुत जल्द अपने रेडियो के जरिए बंदियों के लिए संवाद का जरिया बनेंगी। उन्होंने ट्रेनिंग का बंदियों पर पड़े सकारात्मक असर को खास तौर पर रेखांकित किया। फरीदाबाद जेल के अधीक्षक जय किशन छिल्लर के मुताबिक, बंदी हर रोज अपनी ट्रेनिंग क्लास का इंतजार करते थे। क्लास में उन्हें होमवर्क दिया जाता था। वे खुद रिपोर्टर भी थे। जेल रेडियो की तैयारी भर ने इन बंदियों को बहुत बदल दिया है।

 भारत में जेल रेडियो की शुरुआत सबसे पहले तिहाड़ जेल में हुई थी

बंदी खुद को बोलते हैं आरजे-वर्तिका नन्दा के मुताबिक, अब बंदी एक-दूसरे को आरजे कहने लगे हैं। खुलकर एक-दूसरे की सरहाना कर रहे हैं। पहली बार तीन जेलों के बंदियों की एक-दूसरे से मुलाकात हुई। उन्हें जेल में उदास बंदियों से संवाद कायम करने के लिए कहा गया। कलाकारों की लिस्ट बनाई गई। माइक को पकड़े यह बंदी अब अपनी नई पहचान के साथ खड़े हैं। वे अपने साथियों के लिए काउंसलर बन रहे हैं। भारत में जेल रेडियो की शुरुआत सबसे पहले 2013 में तिहाड़ जेल में हुई थी। तिनका तिनका प्रिजन मॉडल की दूसरी कड़ी में अब हरियाणा की जेलों का रेडियो शुरु होगा। हर जेल के रेडियो का नाम उसके स्थान से जुड़ा होगा। तिनका जेल रेडियो अंबाला, तिनका जेल रेडियो फरीदाबाद, तिनका जेल रेडियो पानीपत।

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