एक अक्टूबर को हिसाब-किताब देगी जाट सभा, मीटिंग में तकरार के आसार
17 मार्च 2021 को जाट सभा की नई कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का चुनाव करवाया गया था। लेकिन इस चुनाव को अभी तक जिला सोसायटी रजिस्ट्रार से स्वीकृति नहीं मिली है।;
अमरजीत एस. गिल : रोहतक
जाट सभा ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में कितना पैसा खर्च किया है। इसका हिसाब-किताब वर्तमान कार्यकारिणी ( जिसके चुनाव को जिला सोसायटी रजिस्ट्रार से अभी तक अप्रूवल नहीं मिली है) शनिवार एक अक्टूबर को आमसभा में देगी। सभा की सुबह दस बजे होने वाली बैठक में तकरार भी हो सकती है। क्योंकि कई मासिक मीटिंग में रार हो रही है। अब यह रार तकरार में भी बदलने के आसार हैं। सर्वविदित है कि 17 मार्च 2021 को जाट सभा की नई कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का चुनाव करवाया गया था। लेकिन इस चुनाव को अभी तक जिला सोसायटी रजिस्ट्रार से स्वीकृति नहीं मिली है। हालांकि प्रधान मेजर चंद्र सिंह दावा करते हैं कि अप्रूवल मिल चुकी है। लेकिन उप प्रधान सुभाष कादियान का कहना है कि अप्रूवल केवल कॉलेजियम चुनाव को मिली है। पदाधिकारियों इलेक्शन को नहीं।
सूत्र बताते हैं कि बीते डेढ़ साल में सभा की जितनी भी मासिक मीटिंग हुई हैं, सभी में एक पदाधिकारी की वजह से कहासुनी हुई है। लेकिन कार्यकारिणी सदस्य और पदाधिकारी इसलिए चुप हैं कि अगर हंगामा किया तो जाटसभा की प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान खड़े होंगे। कहा जा रहा है कि बैठकों में पदाधिकारियों में से एक व्यक्ति किसी की सुनता ही नहीं है।
पदाधिकारी की नीयत पर न तो मीटिंग में कोई सवाल खड़े कर सकता है और न ही बाद में । कहा जा रहा है कि वह पदाधिकारी दूसरे की बातों पर ज्यादा भरोसा कर लेता है। भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि कुछ महीने पहले ही सभा भवन के लिए एसी खरीद गए थे। इनकी खरीद प्रक्रिया पर भी बैठक मेंं एतराज जताया गया। पर एतराज को मौजिज पदाधिकारी ने दूर नहीं किया। एसी के अलावा 3 लाख 94 हजार रुपए का एक जनरेटर और सभा भवन में टाइल भी कुछ महीने पहले ही लगवाई गई हैं। जबकि नई कार्यकारिणी को अभी तक सोसायटी रजिस्ट्रार ने स्वीकृति प्रदान नहीं की है। बताया जा रहा है कि चुनाव को स्वीकृति मिले बिना कार्यकारिणी थोड़ा-बहुत पैसा खर्च कर सकती है तो लाखों नहीं। थोड़ा-बहुत भी विशेष परिस्थितिओं में।
नियुक्त किए जाते हैं प्रशासक
जाट शिक्षण संस्थान, गौड़ ब्राह्मण प्राचरिणी सभा समेत शहर की वे प्रमुख सामाजिक संस्थाएं जिनमें कार्यकारिणी काम नहीं करती है, वहां प्रशासन की तरफ से प्रशासक नियुक्त किया जाता है। ताकि संस्था का काम बाधित न हो। प्रशासक तब कार्य करता है जब तक चुनी हुई कार्यकारिणी विधिवत काम करना शुरू न कर दे। विधिवत का मतलब है कि कार्यकारिणी के चुनाव को जिला सोसायटी रजिस्ट्रार ने इलेक्शन स्वीकृति प्रदान कर दी हो। प्रदेश में जितनी भी पंजीकृत सोसायटी हैं, सभी सोसायटी रजिस्ट्रार के आधीन ही कार्य करती हैं।