झज्जर को पहले एम्स-टू और फिर एनसीआई मिला, मगर इलाज के लिए रोहतक की ओर दौड़ते हैं मरीज

यहां मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। हालांकि तमाम व्यवस्था दिल्ली से ही संचालित होती है। यह अलग बात है कि झज्जर-बहादुरगढ़ के मरीज उपचार के लिए रोहतक स्थित पीजीआईएमएस की तरफ ही दौड़ लगाते हैं।;

Update: 2023-09-16 05:41 GMT

रवींद्र राठी. बहादुरगढ़। नागरिकों को बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार के साथ ही प्रदेश सरकार भी प्रतिबद्घ है। इसी क्रम में झज्जर जिले को बीते डेढ़ दशक में पहले एम्स दिल्ली का विस्तार मिला और फिर बाढ़सा के इसी परिसर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान तैयार हुआ। इसके अलावा गिरावड़ में एक निजी मेडिकल कॉलेज भी चालू हो गया। बावजूद इसके अधिकांश मरीज झज्जर और बहादुरगढ़ से इलाज करवाने के लिए रोहतक पीजीआईएमएस का ही रुख करते हैं।

देश की राजधानी से सटा झज्जर जिला चिकित्सा सुविधाओं के लिहाज से खुशकिस्मत कहा जा सकता है। जिले के बादली इलाके में करीब 15 साल पहले दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के विस्तार की परिकल्पना का खाका तैयार हुआ। वर्ष-2009 में एम्स-टू के विस्तार की नींव रखी गई। तीन साल बाद यहां ओपीडी भी शुरू हो गई। फिर 2014 में यहां देश के सबसे बड़े कैंसर संस्थान की आधारशिला रखी गई। यहां मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। हालांकि तमाम व्यवस्था दिल्ली से ही संचालित होती है। यह अलग बात है कि झज्जर-बहादुरगढ़ के मरीज उपचार के लिए रोहतक स्थित पीजीआईएमएस की तरफ ही दौड़ लगाते हैं।

2009 में नींव, 2012 में ओपीडी

बता दें कि दिल्ली के एम्स में बढ़ते मरीजों के दबाव को देखते हुए बादली के बाढ़सा में एम्स-टू के निर्माण का निर्णय लिया गया। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा 300 एकड़ भूमि दी गई थी। बाढ़सा गांव में करीब एक हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले एम्स-टू का शिलान्यास 28 फरवरी 2009 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा व सांसद दीपेंद्र हुड्डा की उपस्थिति में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंबुमणि रामदास ने किया था। तीन सालों में आधारभूत ढांचा तैयार होने के बाद तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने 30 मई 2012 को एम्स-2 की आउटरीच ओपीडी का उद्घाटन किया।

2019 में एनसीआई का उद्घाटन

एम्स-टू के ही परिसर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के निर्माण को 26 दिसंबर 2013 को कैबिनेट समिति द्वारा मंजूरी दी गई थी। करीब 2035 करोड़ की लागत से तैयार होने वाले इस अस्पताल की आधारशिला तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 3 जनवरी 2014 को रखी थी। इसके बाद सत्ता परिवर्तन हुआ। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा 12 दिसंबर 2015 भूमि पूजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट द्वारा 12 फरवरी 2019 को एनसीआई का उद्घाटन किया। इस मौके पर बाढ़सा में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ तत्कालीन कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भी मौजूद थे।

अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध

एम्स-टू परिसर में करीब 60 एकड़ में बना एनसीआई नई दिल्ली स्थित एम्स का एक अभिन्न अंग है और कैंसर मरीजों की देखभाल के प्रति समर्पित है। कैंसर संस्थान की क्षमता 2 हजार बेड की है। लेकिन वर्तमान में 710 बेड मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। यह कैंसर की रोकथाम, उपचार, अनुसंधान और शिक्षा के लिए समर्पित है। यहां पर एशिया की सबसे बड़ी रॉबोटिक लैब, जहां एक बार में 60 हजार सेंपलों की मानवरहित प्रक्रिया से जांच की जा सकती है।

निजी मेडिकल कॉलेज बना

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनेगा। वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान किया था। इसी क्रम में वर्ष-2016 में गांव गिरावड में वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई। चूंकि देश में डॉक्टरों की जरूरत है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज में पढ़कर डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले छात्रों की उम्मीदें भी बढ़ी हैं।

सरकारी अस्पताल बदहाल

बेशक जिले को देश के बड़े चिकित्सा संस्थानों की सौगात मिली हो। लेकिन जिले की बदहाल सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के कारण लोगों में नाराजगी है। झज्जर-बहादुरगढ़ के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं नहीं होने के कारण मरीजों को पीजीआईएमएस रोहतक के लिए रेफर किया जाता है। यहां ट्रॉमा सेंटर में भी आपातकालीन सेवा नहीं मिल पाती। इस कारण गंभीर अवस्था में लोग रोहतक या दिल्ली रेफर हो रहे हैं, जो कई बार जानलेवा साबित होता है।

झज्जर जिले में लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में नागरिकों को हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। गंभीर स्थिति में उन्हें पीजीआईएमएस रोहतक रेफर किया जाता है। एम्स-टू और एनसीआई केंद्र सरकार के अधीन हैं। - डॉ. ब्रह्मदीप सिंह, सिविल सर्जन, झज्जर

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