पशुपालक किसानों के क्रेडिट कार्ड बनाने में जींद प्रदेशभर में अव्वल
इस योजना के तहत पशुपालक किसानों को बिना ब्याज के 1.60 लाख रुपये तक के लोन दिया जाता है। हालांकि सात प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन दिया जाता है। इसमें तीन प्रतिशत केंद्र सरकार सब्सिडी देती है और शेष चार प्रतिशत ब्याज पर प्रदेश सरकार छूट दे रही है।;
हरिभूमि न्यूज : जींद
किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुपालक किसानों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाने की योजना में जींद जिला प्रदेश भर में पहले नंबर पर है। जींद जिले में अब तक 4200 पशुपालकों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड देकर उन्हें आर्थिक सहायता जारी की जा चुकी है।
गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों के पशु पालकों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कई अपने पशु तक बेचने पड़ जाते हैं। इस तरह की आर्थिक परेशानियों को देखते हुए और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत पशुपालक किसानों को बिना ब्याज के 1.60 लाख रुपये तक के लोन दिया जाता है। हालांकि सात प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन दिया जाता है। इसमें तीन प्रतिशत केंद्र सरकार सब्सिडी देती है और शेष चार प्रतिशत ब्याज पर प्रदेश सरकार छूट दे रही है। इस तरह योजना के तहत लिया गया लोन बिना ब्याज का होगा। इसके लिए किसान को अपने पशु का बीमा भी करवाना होगा। जो मात्र 100 रुपये में होता है। योजना को लागू करने की जिम्मेदारी पशु पालन विभाग और लीड बैंक का दर्जा हासिल पंजाब नैशनल बैंक को दी गई है।
किस पशु के लिए कितना मिलता है लोन
एक गाय पर 40783 रुपये एक साल, एक भैंस पर 60,249 रुपये, भेड़-बकरी पर 4063 रुपये लोन मिलता है। पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना में एक दुधारू भैंस के लिए करीब 60 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। एक पशु पालक जितनी मर्जी दुधारू भैंसों के लिए आर्थिक सहायता ले सकता है। उसे पहले अपनी दुधारू भैंसों का हेल्थ प्रमाण पत्र पशु चिकित्सक से लेना होगा। इसके बाद पशु का बीमा होगा। हेल्थ सर्टिफिकेट और बीमे के बाद उसे राशि का भुगतान किया जाएगा।
पशु पालकों के लिए योजना कारगर : डा. रविंद्र हुड्डा
पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर जींद में कृषि उपनिदेशक डा. रविंद्र हुड्डा ने बताया कि पशु क्रेडिट कार्ड योजना पशु पालकों के लिए बहुत कारगर है। इससे पशु पालक किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में काफी मदद मिलेगी। जींद जिला इस योजना में प्रदेश में नंबर वन पर है। योजना के तहत आर्थिक सहायता लेकर पशु पालक किसान अपने दूध के व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं।