तीन एकड़ से शुरू किया जैविक खेती का सफर, अब 40 एकड़ तक पहुंचाया
प्रगतिशील किसान यशपाल खोला का मानना है कि केन्द्र व राज्य सरकार देश-प्रदेश में प्राकृतिक व जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है और सरकार के प्रयास एक दिन निश्चित ही रंग लाएंगे और समाज में प्राकृतिक खेती अपनाने के प्रति एक क्रांति को जन्म देंगे।;
हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी
केंद्र व राज्य सरकार के सामने आम नागरिकों को केमिकल युक्त उत्पादों से छुटकारा दिलाना एक बड़ी चुनौती है। आम नागरिकों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार प्रयासरत हैं वहीं रेवाड़ी जिला के गांव कंवाली निवासी प्रगतिशील किसान यशपाल खोला भी लोगों को जैविक और प्राकृतिक खेती के उत्पादों के माध्यम से लाभांवित कर रहे हैं। प्रगतिशील किसान यशपाल खोला का मानना है कि केन्द्र व राज्य सरकार देश-प्रदेश में प्राकृतिक व जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है और सरकार के प्रयास एक दिन निश्चित ही रंग लाएंगे और समाज में प्राकृतिक खेती अपनाने के प्रति एक क्रांति को जन्म देंगे।
प्रगतिशील किसान यशपाल खोला जैविक खेती के माहिर माने जाते हैं और अब तक कई अवार्ड भी अपने नाम कर चुके हैं। यशपाल खोला बताते हैं कि उन्होंने 2014 में तीन एकड़ से अनाज वाली फसलों से खेती का काम शुरू किया था। इसके एक साल बाद उन्होंने जैविक खेती के माध्यम से सब्जी का उत्पादन करना शुरू किया तथा 2016 में अपने उत्पादन को 12 एकड़ तक का बढ़ा लिया और वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करने लगे और 2018 में अपने काम को और बढ़ाकर 25 एकड़ तक ले आए। इसके उपरांत यशपाल खोला की मुलाकात धारूहेड़ा निवासी दि बाग के डायरेक्टर संजय राव से हुई जो स्वयं लोगों को जैविक अनाज व सब्जियों के माध्यम से लाभांवित कर रहे है। उनके मार्गदर्शन मे धारुहेड़ा मे 40 एकड़ में जैविक खेती के माध्यम से अनाज व सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। वे बताते हैं कि उनके यहां 10 से 12 लोगों को प्रतिदिन काम दिया जाता है।
खोला अपने नाम कर चुके हैं कई अवार्ड
यशपाल खोला को सब्जी एक्सपो 2020 में गाजर की खेती में हरियाणा मे पहला स्थान पाने पर कृषि मंत्री हरियाणा सरकार व इजऱाइल के कृषि विशेषज्ञों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। शताब्दी सीडस कम्पनी ने उन्हें अपना प्रचारक बनाया। वहींं किसान दिवस 23 दिसम्बर 2020 को प्रगतिशील किसान अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें 26 जनवरी 2022 को रेवाड़ी जिले का जैविक खेती का प्रशासनिक ब्रांड एंबेसडर बनाया गया। वे आकाशवाणी रोहतक के कृषि प्रोग्राम में भी जैविक खेती पर अपने विचार सांझा कर चुके हैं।
सैकड़ों किसानों से अपना अनुभव सांझा कर रहे
यशपाल खोला बताते हैं कि कृषि में मिश्रित खेती, बेम्बू स्टैकिग, टपका सिंचाई, लोटरनल, मल्चिग, पैकहाऊस, प्याज का भण्डारण, रिटेल व थोक का काम करते हैं व जैविक उत्पादन, सब्जी की कि ग्रेडिंग, बॉक्स पैकिंग, सीड प्रोसेसिंग, सब्जियों का भंडारण व प्रोसेसिंग तथा नर्सरी भी तैयार करते हैं। वे कैंचुआ फामिंर्ग व पशु पालन व्यवसाय भी करते हैं। उनके स्वयं के फफूंदी नाशक, कीटनाशक, बैक्टिरिया नाशक, पौष्क तत्व, हरि खाद, जिवामृत, घन जीवाअमृत आदि स्वयं ही जैविक तैयार करते हैं। वे वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सैकड़ों किसानों से अपना अनुभव सांझा कर रहे हैं तथा उनके सहयोगी प्रतिदिन किसानों को सब्जी, बागवानी व अनाज की खेती मे आने वाली समस्याओं से अवगत करवाते हुए उनकी समस्या का समाधान करते हैं तथा उन्हें सरकारी अनुदान प्राप्त कराने में मदद करते हैं। समय-समय पर किसानों के खेतों पर जाकर जैविक खेती, टपका सिंचाई, सरकारी योजनाओं व वैज्ञानिक तकनीक के बारे में जानकारी देते हैं।
युवाओं को कर रहे कृषि की तरफ आकर्षित
यशपाल खोला बताते हैं कि गांव के लोगों, बागवानी व कृषि विभाग के अधिकारियों का सहयोग व कृषि विज्ञान केन्द्र बावल व रामपुरा द्वारा दी गई जानकारियों ने उन्हें कृषि के क्षेत्र में हमेशा कुछ नया करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी मेहनत रंग ला रही है। अब हमारे क्षेत्र में किसान व युवा प्राकृतिक, जैविक व वैज्ञानिक तकनीक से खेती करने की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। अभी हम रेवाड़ी, धारूहेड़ा के साथ-साथ भिवाड़ी व गुरूग्राम में जैविक सब्जियां, जैविक अनाज, जैविक सरसों तेल, जैविक दालें, आटा, शहद आदि होम डिलीवरी व रिटेल वैन के माध्यम से डोर-टू डोर लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
एग्रो फार्म घर-घर उपलब्ध करवा रहा उत्पाद
डीसी यशेन्द्र सिंह ने धारूहेड़ा एग्रो फार्म द्वारा किए जा रहे कार्य की सराहना करते हुए कहा कि धारूहेड़ा एग्रो फार्म का प्रयास सराहनीय है। एग्रो फार्म द्वारा लोगों को उनके घर-द्वार के नजदीक आर्गेनिक सब्जियों व अन्य उत्पादों की सप्लाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि एग्रो फार्म की ओर से उठाया गया यह कदम सराहनीय है इससे लोगों को घर पर ही आर्गेनिक सब्जियां उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आर्गेंनिक सब्जियों व फसलों से शरीर पर बुरा प्रभाव नहीं होता और इससे स्वास्थ्य सही रहता है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वह प्राकृतिक व आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देते हुए फसलों की पैदावार करें और अपने खेतों में शरीर के लिए हानिकारक यूरिया का प्रयोग बिल्कुल न करें।