जूडो की इंटरनेशनल खिलाड़ी अब शॉटपुट में दिखाएगी दम

अखिल भारतीय सिविल सेवा एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन 28 मार्च से 30 मार्च तक गुरुग्राम के देवीलाल स्टेडियम में किया जाएगा। महिलाओं की 45 से 60 आयुवर्ग में बहादुरगढ़ निवासी पूनम चोपड़ा इस बार जूडो नहीं बल्कि शॉटपुट खेलेंगी।;

Update: 2022-03-27 05:08 GMT

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़

एक समय में विश्व रैंकिंग में सातवें नंबर की जूडो खिलाड़ी रही पूनम चौपड़ा अब ऑल इंडिया सर्विसेज टूर्नामेंट में शॉटपुट में दम दिखाती नजर आएंगी। अखिल भारतीय सिविल सेवा एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन 28 मार्च से 30 मार्च तक गुरुग्राम के देवीलाल स्टेडियम में किया जाएगा। महिलाओं की 45 से 60 आयुवर्ग में बहादुरगढ़ निवासी पूनम चोपड़ा इस बार जूडो नहीं बल्कि शॉटपुट खेलेंगी।

करीब 47 वर्षीय पूनम चोपड़ा जिला खेल विभाग में जूडो की सीनियर कोच के रूप में बहादुरगढ़ के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में सेवाएं दे रही हैं। चार बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल लाने वाली पूनम 1986 से लेकर 2004 तक लगातार जूडो खेलती रही हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते शादी नहीं करने वाली पूनम करीब 11 साल तक खेल से दूर रहने के बाद 2015 में दोबारा खेल के मैदान पर उतरी थी। अब वे खिलाडि़यों को तराशने के साथ ही स्वयं भी खेल के मैदान पर दमखम दिखा रही हैं। गुरुग्राम में 16 मार्च को दिए ट्रायल के बाद शॉटपुट में उनका चयन हो गया है। अब गुरुग्राम में ही तीन दिन तक चलने वाली राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में वे जौहर दिखाएंगी।

बता दें कि बचपन में अपनी बड़ी बहन ममता के साथ क्रिकेट खेलने वाली पूनम ने मां के कहने पर जूडो में हाथ आजमाए। वर्ष 1994 में जापान में हुए एशियन गेम्स में भारत को महिला खिलाड़ी के रूप में जूडो का पहला मेडल (ब्रॉन्ज मेडल) उन्होंने दिलवाया। फिर चाइना के मकाऊ में हुई एशियन चैंपियनशिप में भारत की झोली में सिल्वर मेडल डाला। पूनम चोपड़ा को 1996 में उनकी शानदार उपलब्धियों के लिए अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। पूनम ने जूडो के खेल में अब तक 60 नेशनल मेडल और 28 इंटरनेशनल मेडल जीते हैं। नेशनल में वह वर्ष 1992 से लेकर 1997 तक लगातार गोल्ड मेडलिस्ट रही। हालांकि वे अपने साथ हुए पक्षपात पर भी खुलकर बोलती हैं।

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