Kaithal : डीसी के साथ भिड़े ग्रामीण, पुलिस ने किया बीच बचाव
- सोमवार को ग्रामीणों ने चीका पटियाला स्टेट हाइवे पर लगाया था जाम
- घग्गर नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचा तो प्रशासन ने करवाई मुनादी
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Kaithal : कैथल के उपायुक्त जगदीश शर्मा व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की ग्रामीणों के साथ खूब कहासुनी हुई। डीसी व प्रशासनिक अधिकारी घग्गर नदी के साथ लगते बुढनपुर, रत्ताखेड़ा, सिहाली, भूसला आदि का दौरा करने के लिए गए थे। जब वह बाढ़ प्रबंध का निरीक्षण करने के लिए सिहाली गांव के निकट पहुंचे तो ग्रामीणों ने डीसी के सामने अपने तेवर दिखाए। वहां मौजूद पुलिस ने बीच-बचाव किया। ग्रामीणों के तेवर देख टीम वहां से खिसक गई। ग्रामीणों का कहना था कि बुड्ढा खेड़ा, सिहाली, भूसला व रत्ताखेडा के साथ लगता घग्गर नदी का बांध काफी पुराना हो चुका है तथा इसमें दरार भी आ चुकी हैं। ग्रामीणों (Villagers) का आरोप था कि बांध को बने करीब 25 साल का समय बीत चुका है लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी ने इसकी मरम्मत करवाने की जहमत नहीं उठाई।
ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन के अधिकारी बांध के निरीक्षण को लेकर रताखेड़ा तक पहुंचते हैं, वहीं से ही निरीक्षण की खानापूर्ति कर वापस लौट जाते हैं। आज तक किसी ने भी अधिकारियों की सूरत नहीं देखी। घग्गर का पानी खेतों में भर चुका है तथा उनकी फसलें नष्ट हो चुकी हैं। ग्रामीण ज्ञान सिंह सुरेश कुमार, दलबीर सिंह ने बताया कि आज तक उन्होंने यहां पर एनडीआरएफ की टीम का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी दिखाई नहीं दिया। ऐसा लगता है कि एनडीआरएफ की टीम केवल कागजों में ही लगाई जा रही है। हालांकि उपायुक्त ने ग्रामीणों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे। रविवार को भी ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की कार्रवाई से खफा होकर पटियाला स्टेट हाईवे को जाम कर दिया था तथा जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी।
ग्रामीण गुरी, गुरजंट, चमकौर, रणदीप, ज्ञान सिंह, सुरेश कुमार व दलबीर सिंह ने बताया कि घग्गर नदी के साथ लगती हांसी-बुटाना नहर में जगह-जगह घुरलू (मोघे) हो गए हैं परंतु प्रशासन ने उन्हें रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। वे अधिकारियों को फोन लगातार यह मांग कर रहे थे कि घुरलुओं को रोकने के लिए जल्द से जल्द जेसीबी मशीनें भेजी जाएं ताकि घुरलू बंद किए जा सकें। ग्रामीणों ने बताया कि यदि ये घुरलू बंद ना हुए तो जिस तरीके से पीछे से पानी आ रहा है और उसका बहाव भी तेज है, तो कभी भी ये घुरलू भी अपना रौद्र रूप दिखा सकते हैं और यदि ऐसा हो गया तो फिर घग्गर नदी में पानी बढ़ने से लोगों का नुकसान होगा। वहीं हांसी बुटाना नहर से भी बड़े स्तर पर लोगों के जान व माल का नुकसान होने की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता।
घटना की जानकारी मिलते हुए एसडीएम गुहला ज्योति मित्तल दलबल सहित मौके पर पहुंची। उधर पुलिस प्रशासन ने भी कमान संभाल ली और एसएचओ चीका शिव कुमार शर्मा भी पुलिस बल के साथ पहुंचे और ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि यह समय जाम लगाने का नहीं है, अलबत्ता प्रशासन के सहयोग के साथ लोग इस भयावह स्थिति पर काबू करने का प्रयास करें। एसडीएम ज्योति मित्तल ने भी ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि वे जाम खोल दें और प्रशासन का सहयोग करें। तुरंत जेसीबी मंगवाकर घुरलू बंद करवा दिए जाएंगे। अधिकारियों के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जाम खोल दिया, जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली और कुछ समय के लिए बंद हुई यातायात व्यवस्था को दोबारा शुरू करवाया। प्रशासन ने मौके पर जेसीबी भी मंगवाई और घुरलू बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी।
प्रशासन ने करवाई मुनादी
घग्गर नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचा तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गए और आनन फानन में ग्रामीण इलाकों में मुनादी करवा दी। उधर मौसम के बिगड़े मिजाज व लगातार हो रही बरसात के चलते प्रशासन ने लोगों को आगाह किया कि वे अपने घर पर रहें और यदि बहुत जरूरी हो तो ही घर से बाहर निकलें। मुनादी के दौरान बच्चों के बाहर ना निकलने, पशुओं को भी ऊंचे स्थान पर रखने व खाने-पीने का जरूरी सामान स्टाक करने और यदि कोई आपात स्थिति आ जाए तो सहायता के लिए प्रशासन द्वारा जारी हैल्प लाइन नम्बरों पर काल करने को लेकर जागरूक किया। ।
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